सीजी भास्कर, 9 अक्टूबर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) अब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए बाहरी संस्थानों पर निर्भर नहीं रहने देना चाहता। इसी उद्देश्य से बोर्ड ने नई योजना के तहत अपने संबद्ध स्कूलों में ही जेईई-नीट (JEE NEET Coaching) और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी की सुविधा देने की रूपरेखा तैयार की है।
सीबीएसई के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड की एक उच्चस्तरीय समिति ने यह सुझाव दिया है कि देशभर के चयनित स्कूलों में “सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज” (JEE NEET Coaching) स्थापित किए जाएं, जहां छात्रों को नियमित कक्षाओं के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाएगी। इन केंद्रों में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी के विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो छात्रों को 12वीं के पाठ्यक्रम से जोड़ते हुए मार्गदर्शन देंगे।
बोर्ड का उद्देश्य है कि छात्रों को महंगी निजी कोचिंग का सहारा न लेना पड़े और स्कूल स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन प्राप्त हो सके। शिक्षा मंत्रालय भी इस समय यह समीक्षा कर रहा है कि जेईई और नीट जैसे पेपर 12वीं कक्षा के पाठ्यक्रम से किस हद तक मेल खाते हैं, ताकि छात्रों को अतिरिक्त ट्यूशन या कोचिंग (JEE NEET Coaching) के लिए बाध्य न होना पड़े।
आर्थिक बोझ से मिलेगी राहत
प्रधानाचार्यों और शिक्षाविदों का मानना है कि यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है तो छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बेहतर समन्वय मिलेगा। शिक्षकों के अनुसार, इस पहल से शिक्षा में समान अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण व निम्न-आय वर्ग के छात्रों को भी उच्चस्तरीय कोचिंग (JEE NEET Coaching) का लाभ मिल सकेगा।
एक प्रधानाचार्य ने कहा, “अभी छात्र स्कूल और कोचिंग दोनों संभालते हैं, जिससे उनकी मानसिक थकान और आर्थिक दबाव दोनों बढ़ते हैं। लेकिन अब एक ही छत के नीचे तैयारी का मौका मिलने से छात्रों को बहुत राहत मिलेगी।”
जल्द संबद्ध स्कूलों को भेजा जाएगा विस्तृत रोडमैप
सीबीएसई अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड जल्द ही इस योजना का विस्तृत रोडमैप और संचालन प्रक्रिया सभी संबद्ध स्कूलों को भेजेगा। इसे नए शैक्षणिक सत्र से चरणबद्ध तरीके से लागू करने की तैयारी है।
शिक्षकों ने सुझाव दिया है कि स्कूलों में कोचिंग के साथ-साथ मॉक टेस्ट, ऑनलाइन संसाधन और विशेषज्ञों द्वारा लिए जाने वाले इंटरएक्टिव सेशन भी आयोजित किए जाएं, ताकि छात्र परीक्षा के पैटर्न और कठिनाई स्तर से भलीभांति परिचित हो सकें। इसके अतिरिक्त, स्कूलों को यह भी निर्देशित किया जाएगा कि जेईई-नीट जैसे पेपरों की तैयारी कराने वाले शिक्षकों को बोर्ड पाठ्यक्रम और प्रवेश परीक्षाओं के सिलेबस के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाए।