सीजी भास्कर, 13 अक्टूबर | Train Theft : त्योहार की भीड़ में चोरों की चांदी, यात्रियों की नींद उड़ गई
त्योहारों का मौसम शुरू होते ही रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में भीड़ अपने चरम पर है। रायपुर से लेकर दिल्ली, मुंबई, नागपुर जैसी सभी बड़ी रूट की ट्रेनें इन दिनों खचाखच भरी हुई हैं। हर सीट पर कोई न कोई बैठा है, यहां तक कि गलियारों में भी लोग सफर कर रहे हैं।
ऐसे माहौल में (Train Theft) के मामले तेजी से बढ़े हैं। स्लीपर कोच ही नहीं, बल्कि एसी डिब्बों तक में चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। चोर ऐसे यात्रियों को निशाना बना रहे हैं जो महंगे बैग या ज्वेलरी के साथ सफर कर रहे हैं।
रात होते ही शुरू होता है चोरी का खेल
ज्यादातर चोरी की वारदातें रात के वक्त होती हैं। चोर गिरोह पहले अपने टारगेट को पहचानते हैं, फिर उसी डिब्बे में यात्रा करते हैं। जैसे ही बाकी यात्री नींद में जाते हैं, ये गिरोह अपना काम कर अगला स्टेशन आते ही उतर जाता है।
यात्रियों के अनुसार, ऐसे चोर दिखने में आम यात्रियों जैसे होते हैं — कोई झोला लेकर चलता है, कोई अखबार पढ़ता है — लेकिन असल में उनकी नजर सिर्फ एक चीज़ पर होती है: “आपका बैग।”
सुरक्षा बढ़ी, लेकिन जिम्मेदारी अब यात्री की भी
त्योहारी सीजन को देखते हुए रेलवे पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। (Train Theft) की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जीआरपी और आरपीएफ की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। स्टेशनों और ट्रेनों में मॉनिटरिंग बढ़ाई गई है।
हालांकि, भीड़ और ट्रैफिक की वजह से जवान हर डिब्बे में लगातार गश्त नहीं कर पा रहे। इसलिए यात्रियों से अपील की गई है कि वे अपने सामान का ध्यान खुद रखें, किसी अजनबी से ज्यादा बातचीत न करें, और किसी संदिग्ध को देखें तो तुरंत सूचना दें।
महिला यात्रियों को ज्यादा निशाना बना रहे चोर
त्योहारी समय में महिलाएं अक्सर गहनों के साथ सफर करती हैं। चोर इन्हीं यात्रियों को आसान निशाना मानते हैं। हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां रात में सोते वक्त बैग से ज्वेलरी या कैश चोरी हो गया।
एक महिला यात्री ने बताया कि वह दिल्ली से रायपुर लौट रही थीं, और सुबह जब नींद खुली तो बैग का चैन खुला था और 9 लाख रुपये की ज्वेलरी गायब थी। यह घटना बताती है कि (Train Theft) अब किसी एक क्लास या बोगी तक सीमित नहीं रह गया है।
हथियार से लेकर पर्स तक गायब, चोरों की हिम्मत बुलंद
हाल ही में एक ट्रेन में सफर कर रहे सुरक्षाबल के जवान का बैग भी चोरी हो गया। उसमें सर्विस रिवॉल्वर और जिंदा कारतूस थे। इस घटना से सुरक्षा एजेंसियों में भी हलचल मच गई।
दूसरे मामले में एक कारोबारी की पत्नी का पर्स ट्रेनों में सफर करते हुए छीना गया। चोर अचानक भाग गया, और महिला सदमे में आ गई। इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया है कि अब ट्रेन में कोई भी सामान पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।
यात्रियों के लिए एडवाइजरी – “सावधानी ही सुरक्षा है”
रेलवे ने यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि एसी में सफर करने वाले लोग सोने से पहले अपना सामान चेन या लॉक से बांधें।
किसी अजनबी से खाने-पीने की चीजें न लें। स्टेशन आने से पहले गेट के पास बैग लेकर खड़े न हों, और कोई संदिग्ध हरकत दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
(Train Theft) के मामलों से बचने के लिए यह जरूरी है कि आप अपनी सुरक्षा खुद करें — क्योंकि भीड़ में पहचान पाना मुश्किल होता है।
रोज एक लाख से ज्यादा यात्री सफर पर, भीड़ बनी चोरों का मौका
रायपुर स्टेशन से आम दिनों में करीब 70 हजार यात्री सफर करते हैं, लेकिन दिवाली के वक्त यह संख्या एक लाख के पार चली जाती है। हर ट्रेन वेटिंग से भरी है।
ऐसे में लोग वेटिंग टिकट के बावजूद चढ़ जाते हैं। नतीजा — कोच में भीड़ और अफरातफरी। इसी दौरान चोर अपने टारगेट को चुनते हैं और अगला स्टेशन आते ही गायब हो जाते हैं।
यात्रियों की अपील – “सुरक्षा सिर्फ पुलिस की नहीं, हमारी भी जिम्मेदारी है”
यात्रियों का कहना है कि त्योहारों में ट्रेन यात्रा एक चुनौती बन गई है। “आपका बैग, मोबाइल या ज्वेलरी कब गायब हो जाए, पता नहीं चलता।”
रेलवे अधिकारी भी यही कह रहे हैं – भीड़ में सुरक्षा के लिए हर किसी को जागरूक रहना जरूरी है। ट्रेन यात्रा अब सिर्फ टिकट और सीट का नहीं, बल्कि सावधानी का भी खेल बन गई है।