सीजी भास्कर, 14 अक्टूबर | (Gold Silver Seized by RPF) — त्योहार से ठीक पहले रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीम ने एक चौंकाने वाली कार्रवाई की है। बिलासपुर से इतवारी जा रही इंटरसिटी एक्सप्रेस में एक यात्री से करोड़ों की ज्वेलरी जब्त की गई है। इस ऑपरेशन ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं।
ट्रेन में मिला करोड़ों का खजाना
जानकारी के मुताबिक, 13 अक्टूबर की सुबह इंटरसिटी एक्सप्रेस के एस-6 कोच में यात्रा कर रहे नरेश पंजवानी (55) नामक यात्री के पास एक बड़ा थैला था। आमगांव-गोंदिया के बीच RPF की टास्क टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि ट्रेन में एक व्यक्ति भारी मात्रा में सोना-चांदी (gold and silver ornaments) लेकर जा रहा है।
टीम ने जब नरेश से पूछताछ की, तो वह घबरा गया। बैग की तलाशी लेने पर करीब 3.37 करोड़ रुपए की ज्वेलरी बरामद हुई।
RPF की सटीक सूचना और त्वरित एक्शन
(RPF Operation Before Diwali) के तहत, टास्क टीम ने आमगांव और गोंदिया स्टेशन के बीच कोच एस-6 में जांच अभियान चलाया। संदिग्ध यात्री की पहचान होने पर जब उससे सवाल किए गए, तो वह हड़बड़ा गया।
बैग खोलने पर उसमें सोने की 2.683 किलो ज्वेलरी और 7.440 किलो चांदी मिली। जांच में पाया गया कि इन गहनों की बाजार कीमत लगभग ₹3.37 करोड़ है।
त्योहार से पहले गहनों की बड़ी खेप जब्त
जांच में पता चला कि यह व्यक्ति गोंदिया का निवासी है और बिना बिल (no valid documents) के यह कीमती गहने लेकर सफर कर रहा था।
RPF टीम ने मौके पर ही कार्रवाई करते हुए पूरा सामान जब्त कर लिया। यह जब्ती (Gold Silver Seized by RPF) जैसी हाल की सबसे बड़ी बरामदगियों में से एक मानी जा रही है।
दस्तावेज न होने पर कस्टम एक्ट में कार्रवाई
पूछताछ के दौरान जब टीम ने गहनों से जुड़े बिल और दस्तावेज मांगे, तो नरेश पंजवानी कोई कागज पेश नहीं कर सका।
इसके बाद RPF ने उसे कस्टम विभाग के समक्ष पेश किया। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने सोना और चांदी को जब्त कर कस्टम एक्ट के तहत केस दर्ज किया। अब यह जांच की जा रही है कि यह ज्वेलरी किसी ज्वेलर की है या किसी और अवैध नेटवर्क का हिस्सा थी।
त्योहार से पहले सख्त निगरानी पर रेलवे पुलिस
RPF सूत्रों का कहना है कि (RPF Vigilance on Festivals) के तहत दिवाली जैसे त्यौहारों से पहले ट्रेन यात्रियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
कई बार ऐसे मामलों में तस्कर सोना-चांदी को छोटे थैलों या कपड़ों में छिपाकर ट्रेनों से ले जाते हैं। इसलिए टीमों को सतर्क कर दिया गया है।
3.37 करोड़ का मामला बना जांच एजेंसियों के लिए चुनौती
अब यह सवाल उठ रहा है कि इतनी बड़ी मात्रा में गहने ट्रेन से क्यों ले जाए जा रहे थे?
क्या यह किसी ज्वेलरी नेटवर्क (illegal gold transport) से जुड़ा मामला है, या तस्करी का हिस्सा?
RPF और कस्टम दोनों विभाग मिलकर इस मामले की तह तक जाने की कोशिश में जुटे हैं।
त्योहारों पर बढ़ी तस्करी की आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली से पहले अक्सर सोने-चांदी की तस्करी बढ़ जाती है। कीमतों में तेजी और बाजार की मांग को देखते हुए कई लोग इसे ब्लैक डिलीवरी रूट्स (illegal routes) के जरिये भेजते हैं।
ऐसे में यह जब्ती त्योहार से पहले RPF की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है।
RPF का सख्त संदेश — ट्रेन में तस्करी बर्दाश्त नहीं
इस घटना के बाद RPF ने साफ कर दिया है कि किसी भी ट्रेन में अवैध लेन-देन या गहनों की तस्करी (smuggling in trains) करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपने साथ कोई कीमती सामान बिना वैध दस्तावेजों के लेकर यात्रा न करें।