सीजी भास्कर, 14 अक्टूबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों (UNTCC) के प्रमुखों के सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र में व्यापक सुधार (United Nations Reform India Stand) किए बिना वैश्विक भरोसा कायम नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि कुछ देश खुले तौर पर अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जबकि कई नए नियम बनाकर भविष्य में अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते हैं। राजनाथ ने कहा — “आज के दौर की चुनौतियों से पुरानी पड़ चुकी व्यवस्थाओं से निपटा नहीं जा सकता। हमें एक ऐसी बहुपक्षीय व्यवस्था की जरूरत है, जो समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करे और मानव कल्याण पर केंद्रित हो।”
राजनाथ ने कहा कि भारत हमेशा अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था (United Nations Reform India Stand) के लिए मजबूती से खड़ा रहेगा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में भारत के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि “संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले अब तक 180 भारतीय शांतिरक्षकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है।” उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल सबसे अधिक सैनिक भेजे हैं, बल्कि शांति अभियानों की सफलता के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया है। राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले कई दशकों में भारत के लगभग 2,90,000 सैनिक, पुलिसकर्मी और चिकित्सा अधिकारी 50 से अधिक शांति अभियानों में शामिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के शांति सैनिक कांगो, कोरिया, दक्षिण सूडान और लेबनान तक में मानवता की सेवा कर रहे हैं।
महिला शांति रक्षकों ने दिखाया भारत का नेतृत्व
राजनाथ ने बताया कि महिला पुलिस यूनिट्स ने संयुक्त राष्ट्र मिशनों में भारत का गौरव बढ़ाया है। 2007 से लाइबेरिया में तैनात भारतीय महिला पुलिस बल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समानता की नई मिसाल कायम की। वर्तमान में भारतीय महिला बल दक्षिण सूडान, गोलन हाइट्स और लेबनान में तैनात हैं। वे न केवल गश्त का नेतृत्व करती हैं, बल्कि स्थानीय महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण भी देती हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत न केवल अपनी सैन्य क्षमता से बल्कि “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना से भी दुनिया के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि भारत की शांति नीति मानवता, समानता और सहयोग के सिद्धांतों पर आधारित है।
“भारत सभी का मित्र देश है” — सेना प्रमुख द्विवेदी
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत वैश्विक शांति मिशन को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह कृतसंकल्पित है। भारत सभी का मित्र है और पूरे विश्व को एक परिवार मानता है। वहीं, शांति अभियानों के अंडर सेक्रेटरी जनरल जीन-पियरे लैक्रोइक्स ने कहा कि आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हमें आज ही तैयार रहना होगा। यदि दुनिया एकजुट रहे और शांति के प्रति प्रतिबद्ध रहे, तो किसी भी संकट से आसानी से पार पाया जा सकता है। राजनाथ ने अंत में कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बहाल करने के लिए सुधारों पर जोर देता रहेगा। उन्होंने कहा — “संयुक्त राष्ट्र को 21वीं सदी के अनुरूप ढालना अब विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है।”