बागबाहरा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत बागबाहरा में स्वयंसेवकों का प्रभावी पथ संचलन आयोजित हुआ।
सरस्वती शिशु मंदिर से शुरू हुए पथ संचलन में घोष दल की लयबद्ध ताल पर कदमताल ने संगठन के अनुशासन और एकता का परिचय दिया।
नगरवासियों ने छतों और गलियों से पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धक स्वागत किया।

Rashtriya Swayamsevak Sangh : शस्त्र पूजा और बौद्धिक कार्यक्रम
पथ संचलन के बाद मंदिर में बौद्धिक कार्यक्रम हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र पूजा और भारत माता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर हुई।
मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी नैकूराम ठाकुर और सह प्रांत कार्यवाह गोपालराम यादव उपस्थित रहे।
यादव ने संघ की स्थापना, संघर्ष और आज के सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला।

Rashtriya Swayamsevak Sangh : हिंदू समाज में एकता का संदेश
यादव ने कहा कि संघ का उद्देश्य व्यक्ति निर्माण है, प्रचार नहीं।
उन्होंने हिंदू समाज में फूट डालने के प्रयासों से सावधान रहने का आग्रह किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ केवल भारत और हिंदू हित में कार्य करता है।
स्वयंसेवक नि:स्वार्थ भाव से संघ कार्य में लगे रहते हैं।
पंच परिवर्तन और समरसता का संकल्प
यादव ने शताब्दी वर्ष के ‘पंच परिवर्तन’ संकल्प का महत्व दोहराया।
मुख्य अतिथि ठाकुर ने संघ की सेवा भावना और सामाजिक योगदान की सराहना की।
बागबाहरा आयोजन ने शताब्दी वर्ष की ऊर्जा और दृढ़ता का संदेश दिया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में समरसता, राष्ट्र सेवा और संगठन की शक्ति को प्रदर्शित करना था।
चार मुख्य हाइलाइट्स
- बागबाहरा में संघ के 100 वर्ष समारोह में पथ संचलन।
- मातृशक्ति और नगरवासियों ने स्वागत कर कार्यक्रम को भव्य बनाया।
- हिंदू समाज में फूट डालने के प्रयासों से सावधान रहने का संदेश।
- शताब्दी वर्ष में पंच परिवर्तन का संकल्प दोहराया गया।