सीजी भास्कर, 1 नवंबर। भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने आखिरकार अपने शानदार करियर को अलविदा कह दिया। 45 वर्षीय बोपन्ना ने शनिवार को एक भावुक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए (Rohan Bopanna Retirement 2025) अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। दो दशकों से अधिक लंबे सफर के बाद उन्होंने पेरिस मास्टर्स 2025 में आखिरी बार कोर्ट पर कदम रखा। इस टूर्नामेंट में उन्होंने अलेक्जेंडर बुब्लिक के साथ जोड़ी बनाई थी, लेकिन राउंड ऑफ 32 में जॉन पीयर्स और जेम्स ट्रेसी ने बोपन्ना-बुब्लिक को 5-7, 6-2, 10-8 से हरा दिया।
इंस्टाग्राम पर बोपन्ना ने लिखा “एक अलविदा, लेकिन अंत नहीं। ऐसी चीज़ को अलविदा कहना मुश्किल होता है जिसने आपकी ज़िंदगी को अर्थ दिया हो। 20 अविस्मरणीय सालों के बाद अब वक्त आ गया है। मैं आधिकारिक तौर पर अपना रैकेट टांग रहा हूं। जब मैं यह लिख रहा हूं, मेरा दिल भारी भी है और आभारी भी।”
उन्होंने लिखा कि उन्होंने कूर्ग जैसे छोटे से शहर से अपने टेनिस करियर की शुरुआत की। “लकड़ी के ब्लॉक्स काटकर सर्व मजबूत किया, कॉफी के बागानों में दौड़कर स्टैमिना बढ़ाई और टूटे कोर्ट्स पर बड़े सपने देखे। आज जब मैं दुनिया के सबसे बड़े मंचों तक पहुंचा हूं, तो यह सब किसी सपने जैसा लगता है।”
रोहन बोपन्ना ने आगे लिखा कि टेनिस उनके लिए सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि जीवन का मार्गदर्शक रहा। “जब मैं खो गया था, तब इसने ताकत दी, जब मैं टूटा हुआ था, तब इसने विश्वास दिलाया। हर बार कोर्ट पर उतरते समय इसने मुझे धैर्य, जज्बा और फिर से उठ खड़े होने की हिम्मत दी। जब मैं कहता था कि अब नहीं कर सकता, तब टेनिस ने मुझे लड़ना सिखाया।”
अपने परिवार के नाम बोपन्ना ने लिखा, “आपने मुझे वो सब दिया जिसकी वजह से मैं अपना सपना पूरा कर सका। आपके त्याग, आपकी निःशब्द ताकत और आपके अटूट विश्वास ने मुझे यहां तक पहुंचाया।” उन्होंने अपने माता-पिता को “असली हीरो” बताया और अपनी बहन रश्मि, पत्नी सुप्रिया और बेटी त्रिधा के प्रति भी आभार जताया। उन्होंने अपने कोच, साथी खिलाड़ियों, दोस्तों और करोड़ों फैंस को भी धन्यवाद कहा, जिन्होंने हर जीत और हार में साथ दिया।
पोस्ट के अंत में उन्होंने लिखा, “मैं भले ही अब प्रतियोगिता से दूर जा रहा हूं, लेकिन टेनिस से मेरा रिश्ता खत्म नहीं हुआ है। इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है। अब मैं इस खेल को कुछ लौटाना चाहता हूं ताकि छोटे शहरों के युवा ये समझें कि शुरुआत ही सीमाएं तय नहीं करती। अगर आपके पास मेहनत, विश्वास और दिल है, तो कुछ भी असंभव नहीं। यह गुडबाय नहीं, बल्कि उन सबके लिए थैंक यू है जिन्होंने मुझे गढ़ा और प्यार दिया।”
(Rohan Bopanna Retirement 2025) बोपन्ना का यह इमोशनल बयान उनके विनम्र स्वभाव और खेल के प्रति जुनून को दर्शाता है। उन्होंने अपने करियर में दो ग्रैंड स्लैम खिताब जीते 2017 फ्रेंच ओपन मिक्स्ड डबल्स में गैब्रिएला डाब्रोव्स्की के साथ और 2024 ऑस्ट्रेलियन ओपन मेन्स डबल्स में मैथ्यू एब्डेन के साथ। ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतकर वे ओपन एरा में ग्रैंड स्लैम जीतने वाले सबसे उम्रदराज़ पुरुष खिलाड़ी बने।
बोपन्ना का संन्यास भारतीय टेनिस इतिहास का एक भावुक अध्याय है लेकिन जैसा उन्होंने लिखा, “यह अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।” अब वे देश के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा और भारतीय टेनिस के मार्गदर्शक बनेंगे।
