सीजी भास्कर, 3 नवंबर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में लंबे समय से चल रही हलचल अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) के जिला अध्यक्षों की नई सूची (District Congress Presidents) जल्द जारी की जा सकती है। संगठन के इस बड़े फेरबदल को लेकर दावेदारों में सरगर्मी तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से AICC महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की चर्चा पूरी हो चुकी है। अब केवल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अंतिम स्वीकृति का इंतजार है।
शहर और ग्रामीण अध्यक्ष के लिए सुबोध व प्रवीण सबसे आगे
सूत्र बताते हैं कि रायपुर शहर अध्यक्ष के लिए सुबोध हरितवाल (PCC महामंत्री) और ग्रामीण अध्यक्ष के लिए वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू के पुत्र प्रवीण साहू का नाम लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि शहर अध्यक्ष की दौड़ में स्वप्निल मिश्रा, श्रीकुमार मेनन, सुनील कुकरेजा, देवेंद्र यादव, दीपक मिश्रा और घनश्याम तिवारी भी शामिल हैं। दुर्ग, भिलाई, रायगढ़ और बस्तर में भी नए चेहरे सामने आ सकते हैं। भिलाई से लक्ष्मीपति राजू, दुर्ग ग्रामीण से राकेश ठाकुर, दुर्ग शहर से अरुण बोरा, जगदलपुर से सुशील मौर्या, ग्रामीण बस्तर से रूक्मिणी कर्मा के नाम चर्चा में हैं।
नई दिल्ली में होगी दो दिवसीय ट्रेनिंग
कांग्रेस नेतृत्व की योजना है कि घोषणा के तुरंत बाद 8 और 9 नवंबर को नई दिल्ली के इंदिरा भवन में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए। छह नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण है, इसलिए माना जा रहा है कि घोषणा उससे पहले ही हो जाएगी।
27 जिलों में नए चेहरे तय
कांग्रेस संगठन के भीतर से मिली जानकारी के अनुसार, 27 जिला अध्यक्षों को बदला जाना तय है, जबकि 14 जिलों में से 2-3 पर बदलाव की संभावना है। मार्च में ही पार्टी ने बालोद, दुर्ग ग्रामीण, नारायणपुर, कोरबा शहर व ग्रामीण, बलौदाबाजार, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सरगुजा, बलरामपुर, बेमेतरा में नए अध्यक्ष नियुक्त किए थे। नगरीय निकाय चुनावों से पहले मुंगेली, बस्तर ग्रामीण और रायगढ़ ग्रामीण में भी परिवर्तन हुए थे। एआईसीसी के पर्यवेक्षकों ने इन जिलों में अध्यक्षों के कामकाज और सक्रियता की समीक्षा कर फीडबैक रिपोर्ट तैयार की, जिसे केंद्रीय नेतृत्व को भेज दिया गया है।
9 से 17 अक्टूबर तक चला था संगठन सृजन अभियान
जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए कांग्रेस ने 9 से 17 अक्टूबर तक “संगठन सृजन अभियान (Organisation Creation Drive)” चलाया था। इस दौरान AICC ने 17 पर्यवेक्षक नियुक्त किए, जिन्होंने जिलों में जाकर दावेदारों से वन-टू-वन चर्चा की। सामाजिक संगठनों, व्यापारिक वर्ग और स्थानीय पत्रकारों से भी फीडबैक लिया गया। प्रत्येक जिले से छह-छह नामों का पैनल तैयार कर एआईसीसी को भेजा गया है। इस बार पार्टी शीर्ष नेतृत्व ने साफ किया है कि चयन गुटबाजी या वरिष्ठता पर नहीं, बल्कि लोकप्रियता और जमीनी पकड़ के आधार पर होगा।
