सीजी भास्कर, 05 नवंबर। आज के दौर में जहां योजनाओं में फर्जीवाड़े और झूठे लाभार्थी बनकर सरकारी राशि हड़पने (PM Kisan Samman Nidhi) की खबरें आम होती जा रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के 560 किसानों ने एक ऐसी मिसाल पेश की है, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकती है। इन किसानों ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मिले करीब ₹15 लाख रुपये स्वेच्छा से वापस कर दिए।
इनमें से 250 किसानों ने खुद आगे बढ़कर कहा कि अब वे आयकर के दायरे में आ चुके हैं, इसलिए इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहते। वहीं, 310 किसानों की मृत्यु के बाद उनके स्वजनों ने सरकार की राशि लौटाते हुए ईमानदारी की मिसाल कायम की।
किसानों ने कहा — “अब जरूरत नहीं, इसलिए लौटाया पैसा”
अमरोहा के रजबपुर निवासी सेवाराम की सालाना खेती से तीन–चार लाख रुपये की आमदनी थी। लेकिन जब उन्होंने साथ ही कपड़ों की दुकान (PM Kisan Samman Nidhi) शुरू की, तो उनकी आय पांच लाख रुपये से ऊपर पहुंच गई। उन्होंने स्वयं कृषि विभाग जाकर आवेदन दिया कि उन्हें अब सम्मान निधि की जरूरत नहीं है, और दो किस्तें वापस कर दीं।
इसी तरह हसनपुर के जीत सिंह के पिता की मृत्यु के बाद जब जमीन उनके नाम हुई, तो वे पात्र किसान बने और उन्हें योजना का लाभ मिलने लगा। मगर, जुलाई में अर्द्धसैनिक बल में नौकरी लगने के बाद उन्होंने भी विभाग को सूचना दी और दो किस्तें वापस कर दीं।
स्वजनों ने भी निभाई जिम्मेदारी
बछरायूं के जगवीर सिंह, जिनके नाम पर 25 बीघा जमीन थी, सितंबर में बीमारी से चल बसे। उनकी मृत्यु के बाद एक किस्त उनके खाते में आई थी। बेटे शोभित सिंह ने न केवल पिता का नाम लाभार्थी सूची से कटवाया, बल्कि वह किस्त भी विभाग को लौटा दी।
विभाग ने की पहल की सराहना
उपनिदेशक कृषि डा. रामप्रवेश ने बताया कि अब तक लगभग 250 किसानों ने अपनी बढ़ी हुई आमदनी और सरकारी नौकरी लगने के चलते योजना की राशि लौटाई है। वहीं, 310 मृत किसानों के परिजनों ने भी प्राप्त राशि वापस की है।
उन्होंने कहा, “यह उदाहरण बाकी जिलों के लिए भी प्रेरक है। जिन किसानों (PM Kisan Samman Nidhi) की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है, उन्होंने न केवल योजना से नाम हटवाया बल्कि रकम सरकार को वापस कर दी।”
योजना से जुड़ी मुख्य बातें
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना फरवरी 2019 में शुरू हुई थी।
पात्र किसानों को हर साल तीन किस्तों में ₹6,000 (₹2,000 प्रति किस्त) सीधे बैंक खाते में भेजे जाते हैं।
अब तक देशभर में करोड़ों किसानों को इसका लाभ मिला है।
अमरोहा में भी हजारों किसान योजना के अंतर्गत हैं, लेकिन इतने बड़े स्तर पर स्वेच्छा से धनवापसी का यह पहला मामला है।
