सीजी भास्कर, 5 नवंबर। छत्तीसगढ़ ने वैश्विक स्तर पर अपनी नई पहचान बना ली है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने राज्य से कोस्टा रीका (Costa Rica) के लिए 12 टन फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (Fortified Rice Export Chhattisgarh) की पहली खेप रवाना की है। यह खेप प्रदेश के कृषि उद्योगों और किसानों की मेहनत का परिणाम मानी जा रही है।
इस उपलब्धि की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने अपने इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर दी। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुपोषण के खिलाफ अभियान को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाते हुए यह निर्यात न केवल भारत के विदेशी व्यापार को सशक्त करता है, बल्कि पोषण मिशन को भी नई ऊर्जा प्रदान करता है।”
आत्मनिर्भर भारत से ‘ग्लोबल न्यूट्रिशन मिशन’ तक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने इस निर्यात को “आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़” की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह सफलता राज्य के किसानों, मिल संचालकों और उद्योगों के समर्पण और गुणवत्ता का परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा, “आज हमारा छत्तीसगढ़ केवल भारत का अन्नदाता नहीं, बल्कि पोषण, नवाचार और गुणवत्ता का वैश्विक ब्रांड बन रहा है।”
कोस्टा रीका को भेजी गई यह पहली खेप भारत के लिए भी एक नई शुरुआत (Fortified Rice Export Chhattisgarh) है। मध्य अमेरिका के कैरिबियाई क्षेत्र (Caribbean region) में स्थित कोस्टा रीका में इस फोर्टिफाइड चावल की मांग तेजी से बढ़ रही है।
Fortified Rice Export Chhattisgarh क्या होता है फोर्टिफाइड राइस कर्नेल
फोर्टिफाइड राइस कर्नेल (FRK) में आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B-12 जैसे पोषक तत्वों का समावेश किया जाता है। इसे सामान्य चावल में मिलाकर उपयोग किया जाता है ताकि समाज के पोषण स्तर को बेहतर बनाया जा सके। यह चावल “पोषण सुरक्षा (Nutritional Security)” की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक देशभर में मिड-डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 100% फोर्टिफाइड चावल का उपयोग किया जाए।
छत्तीसगढ़ बनेगा ‘पोषण ब्रांड’
एपीडा अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ से निर्यात होने वाला यह फोर्टिफाइड चावल अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में “पोषण का प्रतीक” बनता (Fortified Rice Export Chhattisgarh) जा रहा है। यह न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी सहायक होगा। भविष्य में लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों में भी भारतीय फोर्टिफाइड राइस की मांग बढ़ने की संभावना जताई गई है।
