सीजी भास्कर, 06 नवंबर। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के प्रथम चरण में गरखा और अमनौर विधानसभा में प्रवेशी प्रभारी की जिम्मेदारी निभा कर भिलाई लौटे विधायक वैशाली नगर रिकेश सेन (MLA Rikesh Sen) को भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने औरंगाबाद विधानसभा की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। श्री सेन आज शाम नियमित विमान से बिहार के लिए रवाना होंगे। (Responsibility of Aurangabad)

आपको बता दें कि –
विधानसभा क्रमांक 223 दक्षिणी बिहार में स्थित औरंगाबाद एक समृद्ध ऐतिहासिक विरासत को संजोए हुए है। यह प्राचीन मगध साम्राज्य का हिस्सा था और यहां बिंबिसार, अजातशत्रु, चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक जैसे महान शासकों का शासन रहा है। वर्ष 2020 के चुनाव में इस विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी को लगभग 2200 मतों से पराजित होना पड़ा था। (Responsibility of Aurangabad)

औरंगाबाद विधानसभा सीट पर सवर्ण वोटर निर्णायक भूमिका : Responsibility of Aurangabad
आजादी के बाद हुए 17 विधानसभा चुनावों में से 16 बार यहां राजपूत जाति का ही विधायक चुना गया। सिर्फ एक बार 2000 में आरजेडी के टिकट पर गैर-राजपूत उम्मीदवार सुरेश मेहता को जीत मिली थी।
बीजेपी के रामाधर सिंह 4 बार औरंगाबाद का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी से त्रिविक्रम नारायण सिंह मैदान में
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के आनंद शंकर सिंह ने रामाधर सिंह को करीबी मुकाबले में हराया था, जबकि बसपा से लड़े अनिल कुमार 18 हजार वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे।
राजपूत बाहुल्य होने के चलते औरंगाबाद विधानसभा सीट पर सवर्ण वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार त्रिविक्रम नारायण सिंह को औरंगाबाद से प्रत्याशी बनाया है। जबकि कांग्रेस से आनंद शंकर सिंह, बसपा से शक्ति कुमार मिश्रा, जनसुराज पार्टी से नंदकिशोर यादव सहित कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं। एक दिन के लिए भिलाई लौटे विधायक रिकेश सेन आज शाम पुनः केंद्रीय संगठन से मिले दायित्व के निर्वहन में बिहार रवाना होंगे।
