सीजी भास्कर, 10 नवंबर। बलरामपुर के धनंजय ज्वेलर्स में हुई चोरी के आरोपित उमेश सिंह की (Balrampur Police Custody Death) पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट कर हत्या का आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है। जिला अस्पताल के शवगृह के बाहर वाहन में उमेश का शव रखा गया है।
स्वजन का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण उमेश की मौत हुई। पुलिस अधिकारियों ने जांच एक सप्ताह में पूरी करने का आश्वासन दिया है, लेकिन परिजन तत्काल कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों की जिम्मेदारी तुरंत तय की जाए।
स्वजन डटे रहे अस्पताल परिसर में
रविवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पंचनामा और पोस्टमार्टम के बाद शव को गृहग्राम भेजने की व्यवस्था की गई थी। (Postmortem in Presence of Magistrate) हालांकि, स्वजन शव ले जाने के लिए तैयार नहीं हुए और अस्पताल परिसर में ही रात गुजार दी। उन्होंने कहा कि जब तक पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे शव नहीं ले जाएंगे।
विधायक बोले- निष्पक्ष जांच होगी
सीतापुर विधायक (MLA Ramkumar Toppo Statement) रामकुमार टोप्पो ने कहा कि अगर कहीं भी लापरवाही या अत्याचार हुआ है, तो दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतक के स्वजन से बातचीत कर उन्हें निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया और कहा कि वे इस दुखद घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं।
विधायक ने यह भी बताया कि उन्होंने पोस्टमार्टम न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में कराए जाने का आग्रह किया था, ताकि किसी प्रकार का संदेह न रहे। उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।
पुलिस बोली, बीमारी के कारण हुई मौत
पुलिस अधिकारियों ने मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मृतक उमेश सिंह (Balrampur Police Custody Death) पिछले एक वर्ष से सिकलसेल की बीमारी से ग्रसित था और दस बार अस्पताल में भर्ती हो चुका था। उसे दो बार रक्त भी चढ़ाया गया था। पुलिस का कहना है कि रविवार की भोर में जेवरों की बरामदगी से लौटते वक्त उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
चोरी मामले में 9 आरोपी गिरफ्तार
धनंजय ज्वेलर्स में हुई चोरी के मामले में पुलिस ने कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम नकना निवासी उमेश सिंह भी शामिल था। बाकी आठ आरोपितों को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
