सीजी भास्कर, 10 नवंबर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) भिलाई का पांचवां दीक्षांत समारोह सोमवार को परिसर स्थित नालंदा हाल में हुआ। समारोह में 269 विद्यार्थियों को उपाधि (डिग्री) दी गई वहीं उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल (Manoj Sinha Speech) मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि आइआइटी भिलाई न केवल तकनीकी शिक्षा का केंद्र बन रहा है, बल्कि छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण और विशेषकर जनजातीय समुदायों के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सिन्हा ने कहा कि (Atmanirbhar Bharat) आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में देश के युवाओं की भूमिका अहम है।
आइआइटी भिलाई में आयोजित इस समारोह में अदाणी सीमेंट के कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ विनोद बहेती विशेष अतिथि रहे। जबकि डा. सुरेश हवरे अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता आइआइटी भिलाई के बोर्ड आफ गवर्नर्स के अध्यक्ष ने की। जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आइआइटी भिलाई के छात्र देश की ताकत हैं।
आप सभी से अपेक्षा है कि अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग समाज और राष्ट्र के हित में करें। आत्मनिर्भर भारत का भविष्य आप जैसे युवाओं के हाथों में है। सिन्हा ने संस्थान के शिक्षकों और शोधकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि वे अनेक शोध क्षेत्रों में नवाचार को आगे बढ़ा रहे हैं और देश के तकनीकी भविष्य को सशक्त बना रहे हैं।
(Manoj Sinha Speech) पहला रिसर्च पार्क बनेगा
इससे पूर्व समारोह में आइआइटी के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि संस्थान का अनुसंधान एवं विकास व्यय 36 प्रतिशत बढ़कर 13.93 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने बताया कि बीते 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फेज-बी निर्माण कार्य का आनलाइन शिलान्यास किया। 2257.55 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह परियोजना अक्टूबर 2028 तक पूरी होगी। इस चरण में 1,51,343 वर्ग मीटर अतिरिक्त निर्मित क्षेत्र जोड़ा जाएगा और राज्य का (Chhattisgarh Research Park) पहला रिसर्च पार्क भी स्थापित किया जाएगा। यह पार्क उद्योग और अकादमिक जगत के सहयोग से आधुनिक अनुसंधान एवं नवाचार का केंद्र बनेगा। मारे पूर्व छात्र आज देश-विदेश के उद्योग, शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। यह आइआइटी भिलाई के लिए गर्व की बात है।
प्रेरणा-ईमानदारी व मेहनत ही जीवन का आधार
विशेष अतिथि विनोद बहेती ने छात्र-छात्राओं से कहा कि सफलता पाने के लिए नैतिकता और ईमानदारी को हमेशा सर्वोच्च रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आइआइटी भिलाई का आधुनिक परिसर और उत्कृष्ट सुविधाएं विद्यार्थियों को उद्योग जगत की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार कर रही हैं। अतिविशिष्ट अतिथि डा. सुरेश हवरे ने कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। मेहनत, लगन और धैर्य ही वह राह है जो मंजिल तक पहुंचाती है। अपने भीतर के कौशल को पहचानें और उसे निरंतर निखारते रहें।
डिग्री मिलते ही खिले चेहरे
आइआइटी भिलाई के पांचवें दीक्षांत समारोह (Manoj Sinha Speech) में कुल 269 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं। इनमें 25 पीएचडी, 24 एमएससी, 58 एमटेक, 10 बीटेक (आनर्स) और 152 बीटेक विद्यार्थी शामिल रहे। उच्चतम प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और सीनेट पुरस्कार प्रदान किए गए। इसमें संस्थान स्वर्ण पदक (बी टेक) सुदीप रंजन साहू को मिला। निदेशक स्वर्ण पदक (एम टेक) सूर्या केताराजू, उत्कृष्ट महिला छात्रा वर्ग में निदेशक स्वर्ण पदक अंकिता अवस्थी को मिला। इस दौरान उपाधि व पुरस्कार पाते ही छात्र-छात्राओं के चेहरे खिल उठे।
