सीजी भास्कर 17 नवम्बर Bageshwar Dham Padyatra को पूरा करते हुए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब सोमवार सुबह बागेश्वर धाम की सीमा में दाखिल हुए, तो माहौल आस्था, संगीत और भावनाओं से भर उठा। धाम के द्वार पर जैसे ही उनका वाहन रुका, श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा, ढोल-नगाड़ों और मंत्रोच्चार के साथ उनका स्वागत किया।
यात्रा के साथ लौट रहे भक्तों ने बताया कि यह पूरे 150 किलोमीटर का सफर भाव-विभोर कर देने वाला रहा, जिसमें हर पड़ाव पर हज़ारों लोगों का साथ और समर्थन मिलता रहा।
Bageshwar Dham Padyatra – बांके बिहारी मिलन यात्रा का महत्व
7 से 16 नवंबर तक चली यह बांके बिहारी मिलन पदयात्रा वृंदावन में भगवान के दर्शन के साथ विराम पर पहुँची थी। यात्रियों के मुताबिक, यात्रा का हर चरण अद्भुत अनुभवों से भरा था—कहीं ग्रामीणों ने भोजन कराया, तो कहीं बच्चों ने फूल बरसाकर स्वागत किया।
अंतिम पड़ाव पर लाखों भक्त मौजूद रहे और यात्रा में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए, जिससे इस आयोजन का प्रभाव और भी बढ़ गया।
Bageshwar Dham Padyatra – संतों संग धाम में पहली पूजा
धाम पहुंचते ही पंडित धीरेंद्र शास्त्री सबसे पहले दादा गुरु और बागेश्वर बालाजी के मंदिर पहुंचे। उन्होंने धाम की पावन धूल को माथे से लगाया और मंदिर प्रांगण में दंडवत प्रणाम किया।
इस दौरान पूरा परिसर “जय श्री राम” के जयघोष से गूंज उठा। साथ में पूज्य राजू दास और माधव जी महाराज भी मौजूद रहे, जिनके आगमन पर भी भक्तों ने उत्साह से स्वागत किया।
Bageshwar Dham Padyatra – पदयात्रा में उमड़ा जनसैलाब
150 किलोमीटर लंबी इस spiritual walk में लाखों सनातनी श्रद्धालु शामिल हुए। कई भक्तों ने कहा कि रास्ते की कठिनाइयों के बावजूद यात्रा का वातावरण इतना सकारात्मक था कि थकान का एहसास ही नहीं हुआ।
यात्रा के आयोजकों ने बताया कि सुरक्षा, भोजन, चिकित्सा और व्यवस्था पर पूरा ध्यान रखा गया, जिससे यात्रा निर्विघ्न पूरी हो सकी।
