सीजी भास्कर 20 नवम्बर Al Falah Chairman Notice : कैंट इलाके में चार मंजिला मकान पर बढ़ी हलचल
इंदौर के महू कैंट क्षेत्र में स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद सिद्दीकी के चार मंजिला आवास को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। कैंट बोर्ड ने अवैध निर्माण का हवाला देते हुए नोटिस चस्पा किया है और सिर्फ तीन दिन का समय दिया है। बोर्ड का कहना है कि निर्धारित अवधि बीतने पर सीधे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त मंजिल पर सवाल—बोर्ड का दावा, अनुमति नहीं ली गई
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि मकान में बिना अनुमति के एक अतिरिक्त मंजिल खड़ी कर दी गई थी। क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन को लेकर कड़े नियम लागू हैं और इस मकान की गतिविधियां पहले से ही उनकी निगरानी में थीं। अधिकारियों के अनुसार, पहले कई बार मौखिक रूप से निर्देश दिए गए, लेकिन ढांचा जस का तस बना रहा।
Al Falah Chairman Notice : तीन दिन की टाइमलाइन—नहीं हटाया निर्माण तो चलेगा बुलडोजर
कैंट बोर्ड की टीम ने साफ कर दिया है कि अगर मकान मालिक ने निर्धारित तीन दिनों में अवैध निर्माण नहीं हटाया, तो बोर्ड स्वयं कार्रवाई करेगा। यदि ऐसा हुआ, तो न सिर्फ जेसीबी से ढांचा हटेगा बल्कि पूरी लागत भी मकान मालिक से वसूली जाएगी।
इलाके में नोटिस लगते ही चर्चा तेज हो गई है और शाम तक मकान के आसपास लोगों की भीड़ देखी गई।
अल फलाह यूनिवर्सिटी पहले भी रही है सुर्खियों में
हाल ही में एक अलग मामले में यूनिवर्सिटी के एक शिक्षक का नाम सामने आने के बाद संस्थान चर्चा में था। इसी वजह से चेयरमैन जावेद सिद्दीकी से जुड़ी हर गतिविधि इस समय खास निगाहों में है। अब उनके मकान पर उठी कार्रवाई ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
Al Falah Chairman Notice : स्थानीय लोग बोले—कैंट में नियम कठोर, छूट की गुंजाइश नहीं
स्थानीय निवासियों ने बताया कि महू कैंट इलाके में निर्माण संबंधी नियम बेहद सख्त हैं। यहां बिना अनुमति किसी भी प्रकार की अतिरिक्त मंजिल, बालकनी एरिया बढ़ाना, या संरचनात्मक बदलाव सीधे दंडनीय श्रेणी में आता है। लोग मानते हैं कि बोर्ड की टीम लगातार सर्वे कर रही है ताकि कोई भी निर्माण नियमों से बाहर न जाए।
नोटिस की अवधि पर टिकी नजरें—आखिर होगा क्या?
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि तीन दिन बाद स्थिति क्या रूप लेती है। क्या चेयरमैन खुद विवादित निर्माण को हटवाएंगे या फिर कैंट बोर्ड अपनी तय प्रक्रिया के तहत बुलडोजर कार्रवाई करेगा? प्रशासनिक हलकों में भी इस घटना को लेकर चर्चा बढ़ गई है, क्योंकि मामला एक विश्वविद्यालय के शीर्ष पदाधिकारी से जुड़ा है।
