सीजी भास्कर 21 नवम्बर छतरपुर जिले के हरपालपुर क्षेत्र में गुरुवार शाम एक बेहद भावुक दृश्य सामने आया, जब Missing Son Found After 17 Years के तहत परिवार को 17 वर्षों से लापता विनीत तिवारी के मिलने की सूचना मिली। जैसे ही दरवाज़ा खुला और विनीत सामने आया, मां उसे देखते ही फूट-फूटकर रो पड़ीं, फिर बिना कुछ कहे उसे सीने से लगा लिया। उनके शब्द टूटते हुए निकले—“17 साल की तपस्या रंग लाई है।”
2008 की एक दोपहर जिसने पूरी जिंदगी बदल दी (Missing Case 2008)
विनीत 4 सितंबर 2008 को, सिर्फ 14 साल की उम्र में, हरदयाल स्कूल से रहस्यमय तरीके से गायब हो गया था। परिवार ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, रिश्तेदारों से लेकर दूर-दराज के इलाकों तक खोज की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इतने सालों में उम्मीद कई बार टूटी, फिर भी परिवार ने खोज बंद नहीं की। Missing Son Found After 17 Years की यह कहानी इसी जिद और विश्वास का परिणाम है।
मुस्कान अभियान की पड़ताल—लुधियाना में मिला सुराग
एमपी पुलिस के ‘अभियान मुस्कान’ (Operation Muskan) के तहत हरपालपुर थाना टीम ने पुराने रिकॉर्ड, डिजिटल डिटेल और कई कड़ियों को जोड़ते हुए जांच आगे बढ़ाई। लगातार ट्रेसिंग के बाद विनीत पंजाब के लुधियाना के डुगरी थाना क्षेत्र में मिला। पहचान पुख्ता होने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने साफ कहा कि वह अपने माता-पिता के पास ही लौटना चाहता है।
पिता की आंखों की नमी में छिपी वर्षों की पीड़ा
जैसे ही बेटे को सामने देखा, पिता राजकुमार की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले। उन्होंने कहा—“लोग कहते थे जिंदा भी होगा या नहीं… लेकिन दिल में एक उम्मीद बची थी।” भावुक पिता ने पुलिस टीम को माला पहनाकर सम्मान दिया और कहा कि वे इस पल को कभी नहीं भूल पाएंगे।
पुलिस की मेहनत को मिला सम्मान—इनाम की घोषणा
एसपी स्तर पर इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की गई है। ‘मुस्कान अभियान’ के प्रभाव को देखते हुए पुलिस टीम को 10,000 रुपये के इनाम से सम्मानित किया गया। अधिकारी मानते हैं कि वर्षों पुराने मामलों का हल तभी निकलता है, जब जिद, धैर्य और मानवीय संवेदनाएं साथ हों।
