Dark Web Search के सुराग मिले — जांच में सामने आए कई नए लिंक
रायपुर में पकड़े गए दो नाबालिगों के मामले में चल रही जांच अब एक नए मोड़ पर पहुँच चुकी है। प्रारंभिक डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण से पता चला है कि दोनों किशोर इंटरनेट की छिपी परत, जिसे डार्क वेब कहा जाता है, तक पहुँचने के लिए विभिन्न अनानिमस टूल और ब्राउज़र का उपयोग कर रहे थे। यह जानकारी जांच टीम के लिए आगे की कार्रवाई में महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
Dark Web Search Trail: सोशल मीडिया इंटरैक्शन में संदिग्ध पैटर्न — कई यूज़रनेम और मास्क्ड प्रोफाइल मिले
जांच में यह भी सामने आया कि किशोर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई छद्म-नाम वाले खातों से बातचीत कर रहे थे। इन इंटरैक्शन में विदेशी भाषाओं, कोड वर्ड्स और टास्क जैसे संदेश मिले हैं। टीम इन चैट्स के मेटाडेटा और लॉगिन फुटप्रिंट की मदद से यह पता लगाने में लगी है कि उनके संपर्क वास्तव में किन क्षेत्रों से जुड़े थे।
Dark Web Search में मिले ‘कुंजी शब्द’ जांच का केंद्र बने
डिजिटल टीम को मिले डाटा में हथियारों, ऑनलाइन फोरम, और प्रतिबंधित संसाधनों से जुड़े कुछ विशेष कुंजी शब्द मिले हैं। इन शब्दों की प्रकृति और बार-बार उपयोग यह दर्शाता है कि किशोर केवल सामान्य ब्राउज़िंग नहीं कर रहे थे, बल्कि किसी विशेष दिशा में जानकारी खोज रहे थे। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे मामलों में ब्राउज़िंग पैटर्न एनालिसिस काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Dark Web Search Trail: भाषाई सामग्री और टूल्स की जांच — विदेशी संसाधनों की ओर झुकाव के संकेत
टीम को मिली डिजिटल सामग्री में यह भी पता चला कि दोनों नाबालिग विदेशी भाषा के कई संसाधन उपयोग कर रहे थे। इनमें टेक्स्ट कन्वर्टर, भाषा-ट्रांसलेशन एप्लिकेशन और ऑनलाइन ट्यूटोरियल शामिल हैं। ऐसे टूल आम तौर पर उन परिस्थितियों में उपयोग किए जाते हैं, जब कोई व्यक्ति बाहरी नेटवर्क या समुदाय से संवाद स्थापित करना चाहता है।
सोशल मीडिया पर बनाए गए ग्रुप की गतिविधियां भी जांच दायरे में
किशोरों ने एक ऑनलाइन ग्रुप भी बनाया था, जिसमें प्रतीक चिन्ह और संदिग्ध पोस्ट साझा किए जाते थे। इस ग्रुप की गतिविधियों, समय-सीमा और सदस्यों की पहचान को लेकर विस्तृत जांच जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे प्लेटफॉर्म कई बार बाहरी प्रभावों का माध्यम बन जाते हैं, इसलिए हर डिजिटल लिंक को खंगालना जरूरी है।
जांच का दायरा बढ़ा — अन्य शहरों में भी कनेक्शन तलाश रही टीम
घटना के बाद, जांच दायरा रायपुर से बाहर जाकर दूसरे शहरों तक फैलाया गया है। कुछ युवाओं से पूछताछ की गई, जिनसे प्रारंभिक बयान लेने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। टीम अब डिजिटल नेटवर्क और संभावित संपर्कों पर फोकस कर रही है, ताकि यह समझा जा सके कि यह गतिविधि स्थानीय स्तर तक सीमित थी या किसी व्यापक डिजिटल नेटवर्क का हिस्सा।
Dark Web Search Trail: कानूनी प्रक्रिया जारी — डिजिटल सबूत आगे की कार्रवाई तय करेंगे
कानूनी औपचारिकताओं और तकनीकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद घटनाक्रम और स्पष्ट होगा। जांच टीम का मानना है कि ऐसे मामलों में सबूतों का सही और सटीक विश्लेषण ही आगे की कार्रवाई की दिशा तय करता है।
