सीजी भास्कर, 23 नवंबर। कोलकाता नाइट राइडर्स से आईपीएल (IPL Cricket) और उत्तर प्रदेश टीम से रणजी खेलने वाले भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह (Rinku Singh Story) ब्राह्मण प्रीमियर लीग में शामिल होने बिलासपुर पहुंचे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि निचले लेवल से आने वाले हर खिलाड़ी को संघर्ष करना पड़ता है। मैं भी संघर्ष करके यहां पहुंचा हूं, उन्होंने कहा। रिंकू सिंह ने बताया कि परिवार में मां ने हमेशा सपोर्ट किया, जबकि पिता चाहते थे कि वह उनके साथ काम करें। भाई ने भी पूरा समर्थन दिया।
एंजॉयमेंट के लिए खेलना शुरू किया
रिंकू ने कहा कि शुरुआत में क्रिकेट सिर्फ एंजॉयमेंट (Indian Cricket Dream) के लिए खेलते थे। लेकिन जैसे-जैसे मैदान पर मौका मिलता गया, मेहनत बढ़ती गई और रफ्तार भी। 2012 में अंडर-16 खेलने के बाद से ही उनके सपने बड़े होने लगे। रिंकू बोले अब वह सब पूरा हो गया… इंडिया टीम और इंडिया ड्रेसिंग रूम मेरा सपना था।
इंडियन टीम के ड्रेसिंग रूम में बैठने के अनुभव पर उन्होंने कहा हर खिलाड़ी का सपना होता है कि वह इंडिया खेले और बड़े खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करे। बहुत मजा आता है। यह कहते हुए रिंकू के चेहरे पर मुस्कान थी। राजनीति से कोई लेना-देना नहीं, फोकस केवल क्रिकेट पर सपा की सांसद से सगाई के कारण यह चर्चा तेज थी कि रिंकू अब राजनीति में भी कदम रखेंगे। लेकिन रिंकू ने साफ कहा मेरा सारा फोकस सिर्फ क्रिकेट (Rinku Singh Focus) पर है। शादी की तारीख तय होगी तो सबको पता चल जाएगा।
Rinku Singh Story पांच गेंदों में पांच छक्कों ने बदल दी जिंदगी
आईपीएल में गुजरात के खिलाफ 5 गेंदों में 5 छक्के जड़ने को रिंकू सिंह ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बताया। रिंकू बोले उस वक्त बैटिंग अच्छी नहीं चल रही थी। 14 गेंद में सिर्फ 8 रन थे। मुझे ये भी नहीं पता था कि 5 गेंदों में 28 रन चाहिए। पहले, दूसरे और फिर तीसरा छक्का मारा। जब स्कोर देखा तो पता चला कि 2 गेंद में 10 रन चाहिए। दो छक्के सोचकर मारा… और दोनों लग गए। वहां से लाइफ बदल गई।
