सीजी भास्कर, 25 नवंबर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC Digilocker Deadline) ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश सहित देश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को अपने छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज अनिवार्य रूप से डिजीलाकर में दर्ज करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर तक बढ़ाई गई है (DigiLocker Academic Records Update)। आयोग ने संस्थानों को इस समय-सीमा का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
साथ ही यूजीसी ने यह भी कहा है कि शैक्षणिक सत्र 2021–2024 तक के सभी छात्रों के दस्तावेज और क्रेडिट रिकार्ड को तत्काल एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाए (ABC Platform Upload Mandatory)। यूजीसी के अनुसार, डिजीलाकर की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद कई कॉलेज और विश्वविद्यालय छात्रों का डेटा अपलोड करने में लापरवाही बरत रहे हैं, जिसके कारण छात्र डिजिटल रिकॉर्ड का वास्तविक लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
कई मामलों में निजी संस्थान डिजीलाकर में रिकॉर्ड उपलब्ध होने के बावजूद छात्रों को कॉलेज छोड़ते समय अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) देने में अनावश्यक परेशान करते हैं। कुछ संस्थान एनओसी जारी करने के लिए जबरन शुल्क जमा कराने या अधिक शुल्क मांगने जैसी गलत प्रथाओं में भी लिप्त पाए गए हैं (Student Rights Education)।
यूजीसी ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि कोई भी विश्वविद्यालय या कॉलेज शुल्क न भरने या अन्य किसी भी बहाने से छात्रों को परेशान नहीं कर सकता। यदि कोई संस्थान ऐसा करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही 30 सितंबर तक उन सभी फोटो फाइलों को रद्द करने के निर्देश दिए गए हैं जो डिजिटल रिकॉर्ड (UGC Digilocker Deadline) में तो दर्ज हैं, लेकिन वास्तव में मैनुअल रूप से तैयार की गई थीं। यूजीसी का कहना है कि अब पूरे देश में शैक्षणिक दस्तावेज़ों की पूर्ण डिजिटल व्यवस्था सुनिश्चित करना प्राथमिकता है।
