सीजी भास्कर, 27 अगस्त। कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि गवाही हो चुकी है, आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, अब क्या है। बीआरएस नेता की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने दलील रखी। रोहतगी ने कहा कि वह कहीं भागकर नहीं जाएंगी, वह एक पार्टी की जिम्मेदार नेता हैं।
आपको बता दें कि इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है। वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरी मुवक्किल ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत मांगी है। उनके पिता मुख्यमंत्री थे। उनके पास राजनीतिक विरासत है। सह आरोपी मनीष सिसोदिया को जमानत आपने दी है। मेरे मामले में सीबीआई-ईडी के दोनों मामलों में जांच पूरी हो गई है, दोनों मामलों में कुल मिलाकर 493 गवाह, 50,000 पन्नों के दस्तावेज और 57 अभियुक्त हैं. वह मौजूदा एमएलसी हैं, ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागेंगी।
रोहतगी ने कहा कि साउथ ग्रुप में पैसा ले जाने के मामले में किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं हुई। बेंच ने सीबीआई-ईडी के लिए पेश हुए एएसजी एसवी राजू से पूछा कि कविता के लिए लाभकारी प्रावधान क्यों लागू नहीं होगा? एएसजी ने जवाब दिया कि कविता ने फोन को नष्ट कर दिया और फॉर्मेट कर दिया।