सीजी भास्कर, 28 नवंबर। आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले के बडवेलु निर्वाचन क्षेत्र के कलासपाडु मंडल के धुलमवारी पल्ले गांव की रहने वाली आदिलक्ष्मी उस समय हैरान रह गई जब उसके पति मारुति राजू ने अचानक उसके नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र भेज दिया ( Wife Death Certificate Fraud )। पति ने धमकी देते हुए कहा कि “मुझे छोड़कर जाना मतलब दुनिया छोड़ देने जैसा है।” जानकारी के अनुसार मारुति राजू लंबे समय से शराब पीने का आदी था और पत्नी को लगातार परेशान कर रहा था।
करीब 20 दिन पहले आदिलक्ष्मी अपने तीन बच्चों को पति के पास छोड़कर मायके चली गई थी। लेकिन मामला तब सुर्खियों में आया जब पति ने गुस्से और प्रताड़ना के चलते पत्नी को मृत घोषित कर दिया और सरकारी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करा लिया ( Andhra Pradesh Shocking Case )। इसके बाद आदिलक्ष्मी सीधे कलासपाडु पुलिस स्टेशन पहुंची और शिकायत दर्ज कराई कि “मैं जीवित हूं, फिर भी मेरे पति ने मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया है।”
कैसे जारी हुआ ‘मौत का प्रमाण पत्र’?
इस घटना के बाद गांव में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतने कम समय में किसी जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे जारी हो गया। मुद्दनूर ग्राम पंचायत की ओर से 12 नवंबर को जारी किए गए इस डेथ सर्टिफिकेट पर स्थानीय लोग गंभीर सवाल उठा रहे हैं ( Death Certificate Issued Fraudulently )। बिना प्रमाण और बिना सत्यापन के किसी जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बन जाना सरकारी प्रक्रिया और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
पीड़िता ने पुलिस से की कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना साधारण नहीं, बल्कि गंभीर घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना का मामला है ( Domestic Violence Issue )। पीड़िता ने बताया कि पति के शराबी व्यवहार से तंग आकर वह अलग रह रही थी, लेकिन पति ने चरम सीमा पार करते हुए “मृत्यु प्रमाण पत्र” थमा दिया। इस सदमे के बाद उसने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आदिलक्ष्मी अपने बच्चों के लिए इस हरकत को माफ करेगी या अपने पति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ग्राम पंचायत से भी इस प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पर जवाब मांगा गया है।
