सीजी भास्कर, 1 दिसंबर। खाद वितरण (Fertilizer Queue Issue) में सुधार के लिए प्रशासन द्वारा नई व्यवस्था लागू किए जाने के बावजूद गुना जिले में खाद की लंबी कतारें अब भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। रविवार अवकाश के बाद सोमवार को गुना कृषि मंडी में बड़ी संख्या में किसान सुबह 4 बजे से ही खाद लेने पहुंच गए, क्योंकि पहली सिंचाई के समय फसल में यूरिया छिड़काव जरूरी होता है ।
गुना में एनएफएल का यूरिया प्लांट होने के बाद भी किसानों की परेशानी कम नहीं हुई है। नई व्यवस्था के अनुसार सोमवार को सुबह 7:30 बजे से टोकन वितरण और खाद वितरण शुरू होना था, लेकिन सुबह 9 बजे तक पुलिस व प्रशासन व्यवस्था जमाने में ही व्यस्त नजर आए।
बमोरी के बागेरी क्षेत्र में कुछ दिन पहले खाद (Fertilizer Queue Issue) की लाइन में लगी एक महिला की मौत के बाद प्रशासन अलर्ट हुआ है। मशीनें बढ़ाई गई हैं, रात्रि में किसानों का खाद वितरण केंद्र पर रुकना प्रतिबंधित किया गया है, लेकिन व्यवस्थाएं अब भी पटरी पर नहीं हैं।
सबसे खराब स्थिति नानाखेड़ी और बागेरी डबल लॉक खाद गोदाम में देखने को मिली, जहां आज फिर टोकन और खाद के लिए लंबी कतारें लगी रहीं। एडीएम अखिलेश जैन ने नानाखेड़ी गोदाम का निरीक्षण किया और किसानों से बातचीत भी की। किसानों ने बताया कि 29 तारीख को बांटे गए टोकन के आधार पर खाद दी जा रही है, जबकि सोमवार को मिले टोकन पर खाद मंगलवार से मिलेगी।
कलेक्टर ने शनिवार का अवकाश भी खाद वितरण हेतु समाप्त कर दिया है। उधर, गुना विधायक पन्नालाल शाक्य ने हाल ही में सिंगवासा आरओबी भूमि पूजन के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कलेक्टर किशोर कुमार से लंबी कतारों और महिला की मौत पर जवाब मांगा था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर यहां जवाब नहीं दोगे तो विधानसभा में पूछेंगे, जवाब तो हम आपसे ही लेंगे साहब!”
इसके बाद मंत्री सिंधिया ने खाद व्यवस्था सुधारने के स्पष्ट निर्देश दिए। कलेक्टर और एसडीएम ने अपने-अपने क्षेत्रों के खाद केंद्रों का निरीक्षण कर नई व्यवस्था लागू करवाई। साथ ही एनएफएल से 50 गाड़ियाँ यूरिया प्रतिदिन मंगाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
इसके बावजूद किसान अभी भी सुबह 4 बजे से पहुंचने को मजबूर हैं। कई किसानों का कहना है कि कोई विशेष सुधार नहीं दिख रहा, और वे आज भी लाइन में धक्के खाने को विवश हैं। खाद संकट को लेकर कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल भी अपने क्षेत्र बमोरी में किसानों से मिलकर प्रशासन पर व्यवस्था सुधारने का दबाव बनाए हुए हैं।
