सीजी भास्कर 19 दिसम्बर इंडियन प्रीमियर लीग 2026 की तैयारियां अभी शुरुआती दौर में ही हैं, लेकिन फ्रेंचाइजी कारोबार में हलचल तेज हो चुकी है। ऑक्शन खत्म हुए अभी दो दिन भी पूरे नहीं हुए कि पूर्व चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स को लेकर हिस्सेदारी में संभावित बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है। क्रिकेट और कॉरपोरेट जगत में इसे (KKR stake sale) से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसने IPL इकोसिस्टम में नई बहस छेड़ दी है।
बिक्री नहीं, सीमित हिस्सेदारी पर विचार
कोलकाता नाइट राइडर्स के मामले में तस्वीर थोड़ी अलग बताई जा रही है। यहां पूरी फ्रेंचाइजी बेचने की नहीं, बल्कि सीमित हिस्सेदारी को लेकर रणनीतिक विकल्प तलाशे जा रहे हैं। अंदरूनी संकेतों के मुताबिक, यह कदम निवेश संतुलन और भविष्य की विस्तार योजनाओं से जुड़ा हो सकता है। यही वजह है कि इसे (IPL franchise sale) की बजाय आंशिक पुनर्गठन के तौर पर देखा जा रहा है।
ओनरशिप स्ट्रक्चर में किसका कितना नियंत्रण
यह फ्रेंचाइजी नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के तहत संचालित होती है। मौजूदा ढांचे में शाहरुख खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की बहुमत हिस्सेदारी है, जबकि जूही चावला और जय मेहता समूह की भी मजबूत भागीदारी बनी हुई है। संभावित बदलाव की स्थिति में भी टीम के संचालन और निर्णय प्रक्रिया पर मौजूदा नियंत्रण प्रभावित नहीं होने की बात सामने आ रही है, जिससे (Kolkata Knight Riders ownership) स्थिर रहने के संकेत मिलते हैं।
आईपीएल इतिहास में केकेआर की मजबूत जड़ें
कोलकाता नाइट राइडर्स उन चुनिंदा टीमों में शामिल है, जो आईपीएल की शुरुआत से लीग का हिस्सा रही हैं। समय के साथ इस फ्रेंचाइजी ने मैदान पर और मैदान के बाहर दोनों जगह अपनी पहचान बनाई है। तीन बार खिताब जीतने वाली इस टीम ने ब्रांड वैल्यू, फैन बेस और ग्लोबल विस्तार के दम पर खुद को मजबूत बनाए रखा है, जो (KKR 2026) से पहले निवेशकों के लिए आकर्षण का बड़ा कारण बन रहा है।
आगे क्या, निवेश या विस्तार की नई दिशा
आईपीएल के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और मीडिया राइट्स के विस्तार के बीच फ्रेंचाइजी मॉडल भी बदल रहा है। कोलकाता नाइट राइडर्स में संभावित हिस्सेदारी बदलाव को इसी बदलते दौर की कड़ी माना जा रहा है। आने वाले महीनों में यह साफ हो सकता है कि यह कदम केवल पूंजी संतुलन है या किसी बड़े विस्तार की भूमिका।


