सीजी भास्कर, 6 सितंबर। इसे चपरासी की मुखर्ता कहेंगे या मासूमियत, लेकिन यह सच है। रिश्वत में कम हिस्सा मिलने से दु:खी एक चपरासी ने इसकी सीधे कलेक्टर से शिकायत कर दी है। लिखित में की गई इस शिकायत में चपरासी ने रिश्वत में हिस्सा बढ़वाने का आग्रह किया है। चपरासी की तरफ से कलेक्टर को लिखा गया यह आवेदन सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल यह पत्र चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस पत्र पर उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला के जिलाधिकारी कार्यालय का सील भी लगा हुआ है। आवेदन करने वाले ने अपना नाम राजाराम यादव लिखा है। राजाराम ने पत्र में खुद को प्राइवेट चपरासी बताया है। लिखा है कि वह लपरी शाहगंज के नायब तहसीलदार शैलेंद्र कुमार सरोज का प्राइवेट चपरासी है। राजाराम के अनुसार उनके नीचे दो और प्राइवेट चपरासी हैं, जिनका नाम अविनाश यादव और अजीत ने यादव है।
पत्र में राजाराम ने बताया कि वो और उसके नीचे के दोनों प्राइवेट चपरासी वकीलों और जनता से घूस का पैसा वसूल करते हैं। उसने यह भी बताया कि घूस का पैसा वसूल करने के लिए वे लोग झगड़ा और मारपीट भी करते हैं। इसके बावजूद मुझे पैसा कम मिलता है। राजाराम के अनुसार सभी प्राइवेट चपरासियों को एक हजार रुपये मिलता है, लेकिन उसे केवल 500 रुपये ही दिया जा रहा है। राजाराम ने कलेक्टर से कहा है कि श्रीमान मेरा पैसा बढवाया जाए।