सीजी भास्कर, 19 दिसंबर। बलरामपुर जिला प्रशासन ने अवैध भूमि कब्जे और दुरुपयोग रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अवैध पट्टा (Illegal Land Lease) के आधार पर दर्ज नामों को राजस्व अभिलेखों से विलोपित करने का आदेश पारित किया है। कलेक्टर राजेन्द्र कटारा द्वारा जारी आदेशों के अनुसार कुल 5.764 हेक्टेयर भूमि को शासकीय मद में वापस दर्ज कर लिया गया है। यह कार्रवाई चार अलग-अलग राजस्व प्रकरणों में की गई, जिनमें वर्षों से विवादित और गलत ढंग से आवंटित भूमि शामिल थी।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करुण डहरीया ने बताया कि ग्राम सुखरी, नवाडीहकला और खजूरियाडीह में भूमियों से संबंधित चार प्रकरणों की जांच की गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित भू-खंडों पर राजस्व अभिलेख (Illegal Land Lease) में जो नाम दर्ज थे, वे अवैध पट्टों के आधार पर थे और नियमानुसार मान्य नहीं थे। इसी आधार पर पट्टों को निरस्त कर नाम विलोपित किए गए और भूमि को पूर्ववत सरकारी खाते में दर्ज कर लिया गया।
यह कार्रवाई सरकारी भूमि की सुरक्षा एवं संरक्षण सुनिश्चित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम है। प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से न केवल सरकारी संसाधन सुरक्षित होंगे, बल्कि भविष्य में अवैध कब्जा और फर्जी भूमि आवंटन जैसी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगेगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि आगे भी ऐसे प्रकरणों पर प्राथमिकता के साथ कार्रवाई जारी रहेगी, ताकि किसी भी व्यक्ति द्वारा सरकारी भूमि का दुरुपयोग या गलत तरीके से हासिल किया गया लाभ रोक जा सके।
इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि से जुड़े विवादों के निपटारे में तेजी आएगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। साथ ही, नागरिकों में यह संदेश जाएगा कि सरकारी भूमि (Illegal Land Lease) से संबंधित नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने संबंधित ग्रामीणों और भूमि धारकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि वैध दस्तावेज रखने वाले ही भूमि के दावेदार बनेंगे, अन्यथा कठोर कार्रवाई अनिवार्य होगी।


