सीजी भास्कर 20 दिसंबर UP Lekhpal OBC Reservation: उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती को लेकर आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आ गया है। इस बार सवाल विपक्ष ने नहीं, बल्कि सरकार के भीतर से उठाया है। राज्य सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर OBC आरक्षण में कटौती का आरोप लगाया है और इसे युवाओं के साथ सीधा अन्याय बताया है ।
चिट्ठी में क्या है आपत्ति
अपने पत्र में मंत्री राजभर ने स्पष्ट किया है कि लेखपाल भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए तय 27 प्रतिशत आरक्षण के अनुरूप पद नहीं रखे गए। उनके अनुसार, OBC को मिलने वाले करीब 717 पद कम कर दिए गए हैं, जबकि अन्य वर्गों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं की गई है。
भर्ती के आंकड़े बने विवाद की जड़
राजस्व परिषद द्वारा जारी विवरण के अनुसार, लेखपाल के कुल 7994 पद निकाले गए हैं। इनमें अनारक्षित वर्ग के लिए 4165, अनुसूचित जाति के लिए 1446, अनुसूचित जनजाति के लिए 150, OBC के लिए 1441 और EWS के लिए 792 पद निर्धारित किए गए हैं। राजभर का कहना है कि यह विभाजन OBC आरक्षण के संवैधानिक प्रतिशत से मेल नहीं खाता 。
‘सिर्फ OBC के साथ कटौती’ का आरोप
ओम प्रकाश राजभर ने यह भी सवाल उठाया कि अगर किसी तकनीकी या प्रशासनिक कारण से बदलाव किया गया है, तो उसकी जानकारी सार्वजनिक क्यों नहीं की गई। उन्होंने साफ कहा कि किसी अन्य वर्ग के आरक्षण में कमी नहीं की गई, केवल OBC वर्ग के पद ही घटाए गए हैं, जो करोड़ों युवाओं की उम्मीदों पर चोट है。
मुख्य सचिव तक पहुंची बात
इस पत्र की प्रतिलिपि राज्य के मुख्य सचिव और राजस्व परिषद के अध्यक्ष को भी भेजी गई है। इससे यह साफ हो गया है कि मामला सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं, बल्कि प्रशासनिक स्तर पर जवाब मांगा जा रहा है।
लेखपाल भर्ती का पूरा शेड्यूल
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 2025 की लेखपाल भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। कुल 7994 पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास रखी गई है। आवेदन प्रक्रिया 29 दिसंबर 2025 से शुरू होगी और 28 जनवरी 2026 तक चलेगी। आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 4 फरवरी 2026 तय की गई है, जबकि अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष रखी गई है 。
युवाओं में बढ़ती बेचैनी
आरक्षण को लेकर उठे इस सवाल ने OBC युवाओं के बीच बेचैनी बढ़ा दी है। कई अभ्यर्थियों का मानना है कि यदि समय रहते स्थिति साफ नहीं की गई, तो इसका असर भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर भी पड़ सकता है।
अब नजर मुख्यमंत्री के फैसले पर
फिलहाल सबकी नजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रुख पर टिकी है। देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या स्पष्टीकरण देती है और OBC युवाओं की शिकायतों का समाधान कैसे करती है।


