सीजी भास्कर, 11 अक्टूबर। पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली से नाराज होकर सागर जिले के देवरी विधानसभा से बीजेपी के विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने पहले तो विधायक पद से इस्तीफा दिया लेकिन बाद यह कह कर वापस ले लिया कि आक्रोश में उठाया कदम था।आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के सागर जिले की देवरी विधानसभा से भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने विधायकी छोड़ने की पेशकश कर दी जिससे हड़कंप मच गया। उन्होंने विधायकी छोड़ने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा और साथ ही केसली थाने में धरने पर बैठ गए है। पटेरिया अपने क्षेत्र के एक पीड़ित पक्ष और समर्थकों के साथ डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे। एफआईआर नहीं होने पर उन्होंने विधानसभा के विधायक पद से इस्तीफा लिख दिया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामला सामने आते ही पुलिस अधिकारी केसली थाने पहुंचे।
देवरी विधायक बृजबिहारी पटेरिया ने बताया कि सर्पदंश से व्यक्ति की मौत हुई थी। पीएम रिपोर्ट के नाम पर डॉक्टर ने पैसों की मांग की। पैसे नहीं दिए तो डॉक्टर ने रिपोर्ट में सर्पदंश नहीं लिखा। एसपी, एसडीओपी, टीआई से बात कर मामले की जानकारी दी। एफआईआर कर मामले की जांच कराने के लिए कहा लेकिन एफआईआर नहीं हुई। थाने आया तो पुलिस वाले कई नियम बता रहे हैं। जब निर्वाचित विधायक के खिलाफ एफआईआर हो सकती है तो डॉक्टर के खिलाफ क्यों नहीं? ऐसा निर्वाचित विधायक होने का कोई मतलब नहीं है। यदि विधायक को थाने में एफआईआर कराने खुद आना पड़े और न लिखी जाए तो इससे शर्मसार करने वाली बात क्या हो सकती है। वह भी सत्ता पक्ष का विधायक। मैंने इस्तीफा दे दिया है। ऐसी विधायकी मुझे नहीं करना है। बाद में विधायक ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया।