जगदलपुर/रोहतक:
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से ताल्लुक रखने वाला एक युवक, जो हरियाणा में माओवादी नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश में जुटा था, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के शिकंजे में आ गया है। यह कार्रवाई रोहतक से की गई, जहां आरोपी प्रियांशु कश्यप माओवादी संगठन के एजेंडे पर काम कर रहा था।
सूत्रों के अनुसार, प्रियांशु मूल रूप से बस्तर के दरभा क्षेत्र का निवासी है और उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आया था। वर्तमान में वह हरियाणा के रोहतक में रह रहा था, लेकिन बैकग्राउंड में वह वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त था।
माओवादी संगठन से गहरे संबंध, मिला संदिग्ध सामग्री का जखीरा
एनआईए की जांच में सामने आया है कि प्रियांशु प्रतिबंधित संगठन CPI (माओवादी) का सक्रिय सदस्य है। वह रोहतक में माओवादी एरिया कमेटी की जिम्मेदारी संभाल रहा था और युवाओं को भड़काने, संगठन को फिर से जमीनी स्तर पर सक्रिय करने की रणनीति बना रहा था।
गिरफ्तारी के दौरान एनआईए ने उसके पास से आपत्तिजनक दस्तावेज, मोबाइल फोन, टैबलेट, दो मेमोरी कार्ड और एक सिम कार्ड बरामद किया है। इन सामग्रियों में माओवादी गतिविधियों से जुड़ी कई संवेदनशील जानकारियां शामिल हैं।
नार्थ रीजनल ब्यूरो (NRB) को दोबारा सक्रिय करने की साजिश
प्रियांशु का मकसद उत्तर भारत में माओवाद की जड़ें फिर से जमाना था। वह North Regional Bureau (NRB) को दोबारा सक्रिय करने की साजिश रच रहा था, जो उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में नेटवर्क फैलाने की तैयारी कर रहा था।
इससे पहले इसी नेटवर्क से जुड़े दो अन्य आरोपियों — अजय सिंघल उर्फ अमन (हरियाणा) और विशाल सिंह (पंजाब) को भी एनआईए गिरफ्तार कर चुकी है।
झारखंड से मिल रहा था आर्थिक सहयोग, अब NIA की तगड़ी घेराबंदी
सूत्रों का कहना है कि इस नेटवर्क को झारखंड स्थित Eastern Regional Bureau की ओर से आर्थिक मदद मिल रही थी। इस पूरे ऑपरेशन को फंडिंग, भर्ती, रणनीति और प्रशिक्षण से जोड़कर संचालित किया जा रहा था।
एनआईए फिलहाल इस पूरे नेटवर्क की परत-दर-परत जांच कर रही है। एजेंसी का कहना है कि माओवादी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए यह एक बड़ी और निर्णायक कार्रवाई है।