सीजी भास्कर, 17 अक्टूबर। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि लंबे समय तक माओवादी हिंसा का किला माना जाने वाला अबूझमाड़ माओवाद मुक्त (Abujhmad Maoism Free) और उत्तरी बस्तर अब पूरी तरह माओवादी प्रभाव से मुक्त हो गया है। उन्होंने यह दावा उस समय किया जब छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में दो दिनों में कुल 258 माओवादी हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके हैं जिस सूची में पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति भी शामिल हैं।
शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके खुशी व्यक्त की और कहा कि (अबूझमाड़ माओवाद मुक्त) (Abujhmad Maoism Free) यह उपलब्धि नीति, सुरक्षा बलों की कार्रवाई और स्थानीय जन समर्थन के समन्वित परिणाम का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2024 के बाद से अब तक कुल 2100 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, 1785 गिरफ्तार किए गए और 477 को ढेर किया गया है। इसी कड़ी में हालिया 258 समर्पण महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
किस तरह मिली सफलता
शाह ने कहा कि स्थानीय स्तर पर पुनर्वास कार्यक्रमों, मुखिया-स्तरीय वार्ताओं और सुरक्षा उपायों के संयोजन से अब राजनैतिक और विकासात्मक हस्तक्षेप ने (अबूझमाड़ माओवाद मुक्त) इलाके में माओवादी संचलन को असंभव कर दिया है। उन्होंने शेष बचे माओवादी समूहों से भी आग्रह किया कि वे हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटें, अन्यथा सुरक्षा बलों द्वारा कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।
वहीं केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक माओवाद (Abujhmad Maoism Free) को समाप्त करने का अपना लक्ष्य दोहराया। फिलहाल देश में केवल कुछ जिले विशेषकर सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर अतिं प्रभावित बने हुए हैं, जबकि दशक भर पहले यह संख्या बहुत अधिक थी। शाह का मत है कि हालिया आत्मसमर्पणों और गिरफ्तारीयों से बचे हुए गुटों की क्रियाशीलता जल्दी घटेगी।
अमित शाह ने यह भी कहा कि हिंसा छोड़ने वालों को संवैधानिक प्रक्रिया और पुनर्वास की पेशकश जारी रहेगी, पर हथियार उठाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी। केंद्र-राज्य समन्वय, विकास योजनाओं और सुरक्षा रणनीतियों के मेल से ही यह सफलता हासिल हुई है और अब स्थानीय विकास व जन भागीदारी पर ज़ोर दिया जाएगा।