दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित ACC सीमेंट प्लांट की रिहायशी कॉलोनी में चोरी की एक बड़ी घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। रविवार देर रात एक ही रात में 12 घरों में बड़ी चोरी को अंजाम दिया गया। ये सभी घर प्लांट के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के बताए जा रहे हैं।
प्लानिंग के साथ अंजाम दी गई वारदात
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, चोरी की यह वारदात संगठित गिरोह द्वारा की गई प्रतीत होती है। हर घर में घुसकर 2-3 अलमारियां तोड़ी गईं और चोरों ने घर के कोने-कोने को खंगाला।
सोने-चांदी के आभूषण, नगद राशि, और अन्य कीमती वस्तुएं ले जाई गई हैं। कुछ घरों में लाखों का नुकसान सामने आया है।
पुलिस जांच और अब तक का आंकड़ा
छावनी थाना पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और 8 घरों की प्राथमिक जांच में ही लगभग 60 लाख रुपये की चोरी का अनुमान लगाया गया है। शेष 4 मकान, जो कंपनी के सीनियर अधिकारियों के हैं, उनकी जांच जारी है।
संभावना है कि कुल नुकसान 1 से 1.5 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
कॉलोनीवासियों में आक्रोश, सुरक्षा पर सवाल
घटना के बाद कॉलोनी के निवासियों में जबरदस्त गुस्सा है। पीड़ितों का कहना है कि—
“कॉलोनी में सुरक्षा की जिम्मेदारी प्लांट प्रबंधन की होती है। इतनी बड़ी घटना यह दर्शाती है कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है।”
लोगों का यह भी आरोप है कि चोरों को अंदरूनी जानकारी दी गई थी, तभी वे सूने घरों की पहचान कर पाए और इतने संगठित तरीके से चोरी कर पाए।
कॉलोनी की सुरक्षा पर उठे ये बड़े सवाल:
- क्या सिक्योरिटी गार्ड्स ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई?
- क्या चोरों को कॉलोनी के अंदर से किसी ने सूचना दी?
- क्या सीसीटीवी कैमरे चालू स्थिति में थे?
प्रशासन और प्लांट मैनेजमेंट पर बढ़ा दबाव
यह घटना ACC कंपनी की सुरक्षा और प्रशासनिक जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। कॉलोनी में रहने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों ने मांग की है कि—
- सुरक्षा को लेकर नई रणनीति बनाई जाए।
- कॉलोनी में 24×7 निगरानी, सीसीटीवी कवरेज, और गेट पर एंट्री सिस्टम को मजबूत किया जाए।
- दोषी सिक्योरिटी एजेंसी और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।