सीजी भास्कर, 06 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के जीवन में तकनीक के माध्यम से सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में राज्य में एग्रीस्टैक पोर्टल (Agristack portal) को तेजी से लागू किया जा रहा है। यह पोर्टल किसानों के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक संरचना है, जो खेती से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियों को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है।
क्या है एग्रीस्टैक पोर्टल
एग्रीस्टैक एक सुरक्षित डिजिटल सिस्टम है, जिसमें किसान की पहचान, जमीन का रिकॉर्ड, फसल की जानकारी और कृषि संबंधी गतिविधियों का पूरा विवरण एकीकृत रूप से दर्ज किया जाता है। इस डेटा का उपयोग किसान की सहमति से ही साझा किया जाता है, जिससे उनकी निजी जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है। इस पहल को राज्य में डिजिटल क्रांति की बड़ी शुरुआत (Agristack portal) माना जा रहा है।
धान विक्रय के लिए अनिवार्य पंजीयन
इस वर्ष सहकारी समितियों के माध्यम से धान विक्रय करने वाले किसानों के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल (Agristack portal) पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। यह कदम पारदर्शिता लाने और किसानों को योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
किसानों को मिल रहे सीधे लाभ
एग्रीस्टैक पोर्टल के माध्यम से किसानों को योजनाओं, सब्सिडियों और सहायता राशि की जानकारी सीधे मिल रही है। इससे न केवल बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी, बल्कि लाभ वितरण की प्रक्रिया भी तेज और पारदर्शी होगी।
पंजीकरण की प्रक्रिया सरल और निःशुल्क
पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल रखी गई है। किसान अपने आधार कार्ड और ऋण पुस्तिका के साथ नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या अपनी सहकारी सोसायटी में जाकर निःशुल्क पंजीकरण कर सकते हैं। पूरी प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाती है और किसान को तुरंत डिजिटल पहचान उपलब्ध करा दी जाती है।
24 लाख से अधिक किसान जुड़ चुके हैं
राज्यभर में अब तक 24 लाख से अधिक किसान इस पोर्टल (Agristack portal) से जुड़ चुके हैं और डिजिटल कृषि सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आगामी रबी सीजन तक सभी पात्र किसानों को इससे जोड़ा जाए।
डिजिटल खेती, समृद्ध किसान
भविष्य में यह पोर्टल कृषि योजनाओं की रीढ़ साबित होगा। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा और खेती को वैज्ञानिक तथा योजनाबद्ध बनाने में मदद मिलेगी।