पायलट के पिता से कहा- आपको खुद पर बोझ नहीं उठाना चाहिए, केंद्र व डीजीसीए से मांगा जवाब
एअर इंडिया विमान दुर्घटना में मारे गए पायलट के पिता ने स्वतंत्र जांच के लिए दायर की है याचिका
सीजी भास्कर, 7 नंबर। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में हुई एअर इंडिया ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना (Air India Crash Supreme Court) के लिए चीफ पायलट को किसी ने भी दोषी नहीं ठहराया है। कोर्ट ने उनके 91 वर्षीय पिता से कहा कि वह किसी तरह का भावनात्मक बोझ अपने ऊपर नहीं लें। प्रारंभिक रिपोर्ट में भी उनके विरुद्ध कोई आरोप नहीं है। अगर जरूरी हुआ तो कोर्ट स्पष्ट कर देगा कि विमान दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराया जाए।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ दुर्घटनाग्रस्त विमान (Air India Crash Supreme Court) के चीफ पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस दौरान पीठ ने केंद्र सरकार और नागरिक विमानन महानिदेशक (डीजीसीए) को नोटिस जारी किया। पुष्कराज सभरवाल और फेडरेशन आफ इंडियन पायलट्स ने एअर इंडिया की फ्लाइट एआइ-171 दुर्घटना की जांच (Air India Crash Supreme Court) सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में कराने के लिए याचिका दायर की है। पुष्कराज के वकील गोपाल शंकरनारायणन से पीठ ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण विमान दुर्घटना थी और आपको अपने ऊपर यह बोझ नहीं लेना चाहिए कि आपके बेटे को दोषी ठहराया जा रहा है। विमान दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराया जाएगा। हम लगभग 142 करोड़ लोगों का देश हैं, दुर्घटना का कारण कुछ भी हो, लेकिन कोई नहीं मानता कि पायलट की गलती थी।”
शंकरनारायणन ने कहा कि यह सब तब शुरू हुआ जब अमेरिकी अखबार वाल स्ट्रीट जर्नल ने रिपोर्ट छापी जिसमें पायलट की गलतियों की ओर इशारा किया गया था। इस पर पीठ ने कहा, “यह सिर्फ भारत को दोषी ठहराने के लिए घटिया रिपोर्टिंग (Air India Crash Supreme Court)” थी। हमें विदेशी मीडिया रिपोर्टों से कोई फर्क नहीं पड़ता।” याचिकाकर्ता ने कहा, “मैं दुखी हूं क्योंकि मेरे बेटे को निशाना बनाया गया।” इस पर जस्टिस बागची ने कहा कि आप अमेरिकी कोर्ट में मुकदमा दायर कर सकते हैं।
जजों ने 12 जुलाई को जारी विमान दुर्घटना जांच बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट से एक पैरा पढ़ा और कहा कि इसमें कहीं नहीं कहा गया है कि पायलट दोषी है। इसमें सिर्फ पायलट और को-पायलट के बीच बातचीत का जिक्र है। जस्टिस बागची ने कहा, “इसमें एक पायलट ने पूछा था कि क्या दूसरे पायलट ने फ्यूल बंद कर दिया था और दूसरे पायलट ने कहा कि नहीं। उस रिपोर्ट में किसी गलती का कोई संकेत नहीं है। उन पर दोष लगाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।” शंकरनारायणन ने कहा कि दुर्घटना के बाद तैयार प्रारंभिक रिपोर्ट स्वतंत्र जांच पर आधारित नहीं थी। जस्टिस बागची ने कहा कि जांच प्रक्रिया के अनुसार की गई थी। अगर आप जांच को चुनौती देते हैं, तो आपको एयरक्राफ्ट एक्ट के कानूनी प्रविधानों को ही चुनौती देनी होगी। अगली सुनवाई 10 नवंबर को लंबित अन्य याचिकाओं के साथ होगी।
पायलट पर नहीं, जांच प्रक्रिया पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि पायलट को दोषी नहीं माना गया है, बल्कि याचिका में जांच की पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाए गए हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह खुद स्पष्ट करेगा कि पायलट को किसी भी स्तर पर जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा।
विदेशी मीडिया की रिपोर्ट पर सख्त टिप्पणी
पीठ ने अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट को ‘घटिया रिपोर्टिंग’ बताया और कहा कि ऐसे लेख भारत की छवि धूमिल करने के लिए छापे जाते हैं। कोर्ट ने कहा कि विदेशी मीडिया रिपोर्टों का भारत के न्यायिक निर्णयों पर कोई असर नहीं पड़ता।
