सीजी भास्कर, 18 दिसंबर | छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने वाहन सुरक्षा को लेकर एक कड़ा और दूरगामी फैसला सुनाया है। आयोग ने माना कि गंभीर सड़क दुर्घटना के दौरान एयरबैग का न खुलना केवल तकनीकी चूक नहीं, बल्कि स्पष्ट विनिर्माण दोष और सेवा में कमी (Airbag Failure Compensation Case) की श्रेणी में आता है। इसी आधार पर कार निर्माता कंपनी को पीड़ित उपभोक्ता को 61 लाख रुपए से अधिक मुआवजा देने का आदेश दिया गया है।
रायपुर–कोरबा मार्ग पर पलटी कार, नहीं खुले एयरबैग
यह मामला 23 अप्रैल 2023 का है। कोरबा निवासी व्यापारी अमित अग्रवाल, रायपुर से कोरबा लौटते समय एक गंभीर सड़क हादसे का शिकार हो गए। तरदा गांव के पास सामने से आ रहे वाहन को बचाने के प्रयास में कार अनियंत्रित होकर पहले पलटी और फिर सड़क किनारे पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन सुरक्षा के लिए लगाए गए एयरबैग एक भी नहीं खुले, जो Airbag Failure Compensation Case में सबसे अहम बिंदु बना।
गंभीर चोटें और लाखों का इलाज खर्च
दुर्घटना के बाद अमित अग्रवाल को गंभीर शारीरिक चोटें आईं। उनका इलाज पहले रायपुर और फिर हैदराबाद के अस्पतालों में कराया गया। लंबे इलाज और मेडिकल प्रक्रियाओं पर कुल करीब 36.83 लाख रुपए खर्च हुए। पीड़ित परिवार का कहना था कि यदि एयरबैग समय पर खुलते, तो चोटों की गंभीरता काफी कम हो सकती थी, जो इस Airbag Failure Compensation Case को और मजबूत बनाता है।
जिला आयोग से राज्य आयोग तक पहुंचा मामला
इलाज के भारी खर्च और वाहन की सुरक्षा प्रणाली की विफलता को लेकर कार मालिक की ओर से उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया गया। प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से उपस्थिति न होने पर जिला आयोग ने एकपक्षीय फैसला सुनाया था। इसके बाद कंपनी ने राज्य आयोग में अपील दायर की और बीमा भुगतान व तकनीकी रिपोर्ट जैसे तर्क प्रस्तुत किए, लेकिन ये दलीलें Airbag Failure Compensation Case में टिक नहीं पाईं।
आयोग ने कहा– महंगी कार सुरक्षा के लिए खरीदी जाती है
राज्य उपभोक्ता आयोग ने अपने फैसले में साफ कहा कि जब उपभोक्ता महंगी कार खरीदता है, तो उसकी प्राथमिक अपेक्षा सुरक्षा होती है। दुर्घटना की स्थिति में एयरबैग जैसे सुरक्षा उपकरणों का काम न करना गंभीर लापरवाही और सेवा में भारी कमी मानी जाएगी। आयोग ने सर्वे रिपोर्ट, वाहन क्षति और चोटों के आधार पर यह माना कि यह मामला Airbag Failure Compensation Case के तहत पूर्ण रूप से मुआवजे योग्य है।
ई-जागृति ऐप से अब आसान होगी उपभोक्ता लड़ाई
आयोग ने यह भी बताया कि अब उपभोक्ता अपने अधिकारों के लिए डिजिटल माध्यम से भी लड़ सकते हैं। ई-जागृति एप के जरिए उपभोक्ता ऑनलाइन केस दर्ज कर सकते हैं, सुनवाई की तारीख देख सकते हैं और ई-हियरिंग में भी जुड़ सकते हैं। यह सुविधा Airbag Failure Compensation Case जैसे मामलों में आम नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच को और आसान बनाएगी।


