सीजी भास्कर, 15 अक्टूबर। टीम इंडिया के सीनियर बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने भारतीय क्रिकेट में सेलेक्शन सिस्टम (Ajinkya Rahane on BCCI Selectors) पर बड़ा सवाल उठाया है। रहाणे का कहना है कि चयन प्रक्रिया में अब समय के साथ बदलाव जरूरी है और सेलेक्टर्स की नियुक्ति के मानकों को पूरी तरह से नया रूप दिया जाना चाहिए।
डोमेस्टिक लेवल पर सुधार की जरूरत बताई
रहाणे ने कहा कि टीम चयन की जिम्मेदारी केवल हाल ही में रिटायर हुए फर्स्ट-क्लास क्रिकेटरों को दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि ऐसे खिलाड़ी आधुनिक क्रिकेट (Ajinkya Rahane on BCCI Selectors) की मांग और खिलाड़ियों की क्षमता को बेहतर समझते हैं। उन्होंने बताया कि यह जरूरी है कि डोमेस्टिक लेवल पर चयन करने वाले लोगों की सोच नई पीढ़ी के क्रिकेट के अनुरूप हो।
‘सेलेक्टर्स से डरते हैं खिलाड़ी’
रहाणे ने अपने पुराने साथी चेतेश्वर पुजारा के साथ यूट्यूब इंटरव्यू में कहा कि कई खिलाड़ी आज भी सेलेक्टर्स से डरते हैं और खुलकर खेलने से बचते हैं। यह माहौल भारतीय क्रिकेट के लिए सही नहीं है। रहाणे (Ajinkya Rahane on BCCI Selectors) ने कहा कि “खिलाड़ियों को सेलेक्टर्स से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें समझने वाले और समर्थन देने वाले सेलेक्टर्स की जरूरत है।”
रहाणे ने बदलने की मांग रखी सेलेक्शन पॉलिसी में
वर्तमान में नियम के अनुसार कोई भी खिलाड़ी जिसने कम से कम 10 फर्स्ट-क्लास मैच खेले हों और पांच साल पहले रिटायर हुआ हो, वह डोमेस्टिक सेलेक्टर (Ajinkya Rahane on BCCI Selectors) बन सकता है। रहाणे का मानना है कि यह व्यवस्था पुरानी हो चुकी है और इसे तत्काल अपडेट किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चयन समिति को ऐसे खिलाड़ियों से बनाया जाए जो आधुनिक क्रिकेट और T20 युग की मांग को समझते हों।
पुजारा ने दी संयमित प्रतिक्रिया
चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने हाल ही में 103 टेस्ट मैच खेलने के बाद संन्यास लिया है, रहाणे की राय से आंशिक रूप से सहमत दिखे। उन्होंने कहा कि बड़े राज्यों में यह बदलाव (Ajinkya Rahane on BCCI Selectors) संभव है, जहां विकल्प अधिक हैं, लेकिन छोटे संघों में अनुभव और अवसर के बीच संतुलन जरूरी है। पुजारा ने कहा कि “किसी पुराने खिलाड़ी को केवल इसलिए नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए कि वह बहुत पहले रिटायर हुआ है।”