सीजी भास्कर, 4 अगस्त 2025 : प्रदेश के सभी 33 जिलों में 164 अमृत सरोवरों का उन्नयन कर आदर्श बनाया जाएगा। इनके चिन्हांकन का कार्य पूरा कर लिया गया है। प्रत्येक जिले में कम से कम पांच आदर्श सरोवर बनाए जाएंगे, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण, पर्यावरण संवर्धन और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देना है। इन सरोवरों का निर्माण महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और ग्रामीण विकास विभाग की अन्य योजनाओं के माध्यम से किया जाएगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है। इन सरोवरों को केवल जलाशय नहीं, बल्कि बहुउपयोगी सामुदायिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इनके चारों ओर नीम, पीपल, बरगद जैसे पर्यावरण के लिए लाभकारी पौधे लगाए जाएंगे। साथ ही, शौचालय, पाथवे, सोलर लाइट, घाट और विश्राम के लिए बेंच जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
इससे ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण भी मिलेगा। साथ ही, इन जलाशयों में मछली पालन जैसी गतिविधियों से ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल जल संकट से निपटने में सहायक सिद्ध होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था और जीवन गुणवत्ता को भी सशक्त बनाएगी।
यह दिए गए हैं निर्देश
– प्रत्येक सरोवर का न्यूनतम क्षेत्रफल एक एकड़ होगा।
– प्रस्तावित अमृत सरोवर के 500 मीटर परिधि में पूर्व निर्मित कोई अन्य जल निकाय नहीं होना चाहिए।
– पूर्व निर्मित तालाबों के पुनरुद्धार के लिए पांच-दस वर्ष का अंतर होना चाहिए।
दूसरे चरण में बनेंगे 207 अमृत सरोवर
अमृत सरोवर योजना के पहले चरण का कार्य पूरा हो चुका है। इसमें 2,902 अमृत सरोवर का निर्माण कार्य हुआ है। 16,938 लोग आजीविका संवर्धन से लाभान्वित हुए हैं। दूसरे चरण 2025-26 का कार्य शुरू है। इसमें 207 अमृत सरोवर के निर्माण कार्य को स्वीकृति मिली है। 55 का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 102 प्रगतिरत है।
संभागवार चयनित आदर्श अमृत सरोवर
संभाग – संख्या
बिलासपुर – 40
बस्तर – 37
रायपुर – 26
दुर्ग – 28
सरगुजा – 33