सीजी भास्कर, 5 नवंबर। भारत के सहकारिता क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण (Amul ICA Global Ranking) में गुजरात कोआपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF), जो अमूल ब्रांड के तहत अपने उत्पादों का विपणन करता है, को इंटरनेशनल कोआपरेटिव अलायंस (ICA) की वर्ल्ड कोआपरेटिव मानिटर 2025 रैंकिंग में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) प्रदर्शन के आधार पर दुनिया की नंबर-1 सहकारी संस्था घोषित किया गया है। इसी सूची में इफको (IFFCO) को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर अमूल और इफको दोनों को बधाई दी। एक्स (X) पर साझा संदेश में शाह ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और सहकारिता के सशक्तिकरण के लिए की गई लगातार कोशिशों का परिणाम है।
(Amul ICA Global Ranking) की घोषणा कतर के दोहा में आयोजित ICA CM50 सम्मेलन के दौरान की गई। इंटरनेशनल कोआपरेटिव अलायंस का मुख्यालय ब्रसेल्स (Belgium) में है और यह संगठन दुनिया भर की सहकारी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, साथ ही टिकाऊ व्यवसाय मॉडल को बढ़ावा देता है। GCMMF के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने कहा कि यह पहचान भारत के ग्रामीण सहकारी ढांचे की मजबूती का प्रमाण है।
उन्होंने कहा “अमूल एक ऐसा ब्रांड है जिसका स्वामित्व पूरी तरह किसानों के पास है। दूध संग्रहण, उत्पादन और विपणन का हर चरण वे खुद संभालते हैं। हमारा प्रभाव केवल आर्थिक नहीं है; यह गरीबी घटाने, लैंगिक समानता और सतत ग्रामीण विकास जैसे संयुक्त राष्ट्र के कई लक्ष्यों को भी सशक्त करता है। जीसीएमएमएफ के मुताबिक, यह सम्मान न केवल अमूल की आर्थिक सफलता का प्रतीक है बल्कि भारत के सहकारिता मॉडल को विश्व स्तर पर नई पहचान देता है।
Amul ICA Global Ranking) में भारत का डबल अचीवमेंट
ICA की ग्लोबल रैंकिंग 2025 में भारत की दो संस्थाओं अमूल (GCMMF) और इफको — ने शीर्ष दो स्थान हासिल किए हैं। इससे भारतीय सहकारिता मॉडल को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिली है। इंटरनेशनल कोआपरेटिव अलायंस (ICA) दुनिया की सहकारी संस्थाओं का संघ है। 1895 में बनी यह संस्था अब 100 से अधिक देशों की 3 करोड़ से ज्यादा कोऑपरेटिव संस्थाओं को प्रतिनिधित्व देती है।
