सीजी भास्कर 20 नवम्बर भारतीय सेना के सबसे अनुभवी और गरिमामय घोड़ों में शामिल (Army Horse Virat Adoption) “विराट” को आखिरकार उसका नया घर मिल गया है। बुधवार को राष्ट्रपति के अंगरक्षक दस्ते ने इस 25 वर्षीय घोड़े को औपचारिक रूप से गोद लेकर उसकी वर्षों की सेवा को सलाम किया।
विराट सेना का वह विशिष्ट घोड़ा रहा है, जिसने 13 गणतंत्र दिवस परेड में निरंतर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और भारत की सैन्य परंपरा को रोमांचक अंदाज़ में प्रदर्शित किया।
विराट की सैन्य यात्रा: परेड ग्राउंड से लेकर कमेंडेशन कार्ड तक का सफर
ऊंचाई, सहनशक्ति और अनुशासन में अनोखा, सेना ने सम्मानस्वरूप दिया कमेंडेशन कार्ड
विराट न सिर्फ अपनी कद-काठी के कारण चर्चाओं में रहा है, बल्कि उसके अनुशासन और सटीक परेड मूवमेंट्स ने भी उसे असाधारण बनाया। अपनी सेवाओं के लिए उसे सेना के सर्वोच्च सम्मान—चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड—से नवाज़ा गया था।
सेना अधिकारियों के अनुसार, (Army Horse Virat Adoption) विराट अब भी उसी मजबूती के साथ दौड़ सकता है, जैसा वह अपने युवा दिनों में करता था।
रिटायरमेंट के बाद भी फिट: 2022 में दी गई थी औपचारिक विदाई
कमांडेंट का कहना—‘विराट आज भी युवा घोड़ों के साथ बराबरी से चल सकता है’
2022 के 73वें गणतंत्र दिवस के बाद विराट को औपचारिक रूप से रिटायर घोषित किया गया था।
कमांडेंट कर्नल अमित बेरवाल ने बताया कि सेना के घोड़े आम घोड़ों की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूत, ऊंचे और लगभग 150–200 किलो तक भारी होते हैं।
उनके मुताबिक, विराट का फिटनेस लेवल आज भी कई युवा घोड़ों को चुनौती दे सकता है।
गोद लेने की पहल: सैन्य परंपरा और पशु सेवा संस्कृति की झलक
राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड दस्ते की दोहरी भूमिका—युद्ध से लेकर सम्मान समारोह तक
विराट को गोद लिए जाने का यह कदम सेना की उस परंपरा का प्रतीक है, जिसमें जानवरों को सिर्फ साधन नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा माना जाता है।
कर्नल बेरवाल ने कहा कि (Army Horse Virat Adoption) यह निर्णय सेना और अंगरक्षक दस्ते में पशु सेवा संस्कृति को और मज़बूत करता है।
उन्होंने बताया कि उनकी टीम दोहरी भूमिका निभाती है—
• युद्धकाल में पैराशूट फॉर्मेशन में ऑपरेशन,
• और शांति काल में राष्ट्रपति के अंगरक्षक के रूप में सेवा।
विराट के नए घर का मतलब: सम्मान और स्नेह के साथ सुरक्षित भविष्य
सैन्य जीवन के बाद मिलने वाला सम्मान, सैनिकों की भावनाओं से गहरा जुड़ा
विराट की नई शुरुआत इस बात का प्रतीक है कि जो साथी देश की गरिमा और सैन्य परंपरा का सालों तक प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें उनके योगदान के अनुसार सम्मानजनक भविष्य दिया जाए।
विराट अब अंगरक्षक दस्ते की देखरेख में शांत, सुरक्षित और सम्मानित जीवन बिताएगा।
