सीजी भास्कर, 19 फरवरी। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की विधानसभा वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन ने चार दिन पहले दिल्ली के शालीमार विधानसभा से विधायक चुनी गईं रेखा गुप्ता को बधाई दी और दो दिन पहले ही रिकेश सेन से फोन पर चर्चा में उन्होंने कह दिया था कि मीडिया में सीएम के लिए उनका नाम जिस तरह से चल पड़ा है, यकीन नहीं होता और वो पहली बार विधायक बनीं हैं, भाजपा में जिसका नाम दौड़ जाता है वो उस समय उस पद पर नहीं आता। हंसते हुए दोनों नेताओं ने कुछ ऐसी ही चर्चा की थी।
दरअसल बात वर्ष 2012 की है, जब वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन भी पार्षद थे, दिल्ली में भाजपा नेत्री रेखा पार्षद के साथ ही दिल्ली महिला मोर्चा की महासचिव थीं। वर्ष 2013 में दुर्ग की भाजपा नेत्री सुश्री सरोज पांडेय महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं। इसी दौरान दिल्ली के तालकटोरा मैदान में महिला मोर्चा का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। तब स्व. सुषमा स्वराज के संयोजकत्व में सावन मेला और राष्ट्रीय सम्मेलन में रेखा गुप्ता के साथ रिकेश सेन भी व्यवस्थापन समिति में थे। इतना ही नहीं 2012 में रेखा गुप्ता के वार्ड चुनाव में भी वैशाली नगर से पार्षद रिकेश सेन दिल्ली पहुंचे थे। तभी से रेखा गुप्ता और रिकेश सेन के पारिवारिक संबंध बन गए। विधायक रिकेश जब भी दिल्ली जाते दिल्ली में गुप्ता परिवार से उनका मेल-मिलाप होता रहा है। भारतीय जनता पार्टी से पहली बार विधायक बनीं रेखा गुप्ता का नाम जब अचानक सीएम की दौड़ में आया तो मीडिया और सोशल मीडिया की खबरों में उनका नाम चल जाने से खुद रेखा को लगने लगा था कि वो मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी लेकिन अब वो कहती हैं कि यही भारतीय जनता पार्टी का मास्टर स्ट्रोक है, यहां पार्टी हर जमीनी कार्यकर्ता को देखती है तथा उसकी काबिलियत अनुरूप उसे ऐसी जिम्मेदारी भी दे देती है जिसकी उसने कभी कल्पना तक नहीं की थी। रेखा गुप्ता के नाम की घोषणा के बाद आज रात भिलाई में वैशाली नगर विधायक के घर के सामने लोकांगन में जम कर आतिशबाजी हुई।
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बहरहाल दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, RSS और ABVP से जुड़ी भाजपा की एक सामान्य कार्यकर्ता हैं। रेखा गुप्ता की पूरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी और राजनीति में सक्रिय हुईं। रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव और प्रधान भी रह चुकी हैं। रेखा शालीमार बाग से जीतकर आई हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी वंदना कुमारी को हराया है। बीते दो चुनाव से रेखा, वंदना कुमारी से हार गईं थीं लेकिन इस बार उन्होंने वंदना कुमारी को हरा दिया। रेखा गुप्ता मूलरूप से हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं। उनका जन्म जींद में ही हुआ लेकिन मात्र 2 साल की उम्र में वो दिल्ली आई, जिसके बाद दिल्ली की होकर ही रह गईं।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में 1995 में महासचिव का चुनाव रेखा गुप्ता जीत चुकी हैं, मतलब नेतृत्व क्षमता तभी से उनमें रही है। 👇
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रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं। वो दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 50 वर्षीय रेखा गुप्ता दक्षिण दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं। बात रेखा गुप्ता की पढ़ाई की करें तो उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई की है। रेखा गुप्ता का जन्म हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव 1974 में हुआ था। रेखा ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव से राजनीति में कदम रखा। वह वर्ष 1996-1997 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं और तीन बार पार्षद भी रह चुकी हैं और दक्षिण दिल्ली नगर निगम MCD की पूर्व मेयर हैं। वह 2007 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दिल्ली पार्षद चुनाव में चुनी गईं। 2012 में उत्तरी पीतमपुरा (वार्ड 54) से दिल्ली पार्षद चुनाव में फिर से चुनी गईं। उन्हें 2022 में भाजपा ने आप की शैली ओबेरॉय के खिलाफ एमसीडी मेयर पद के उम्मीदवार के रूप में भी खड़ा किया था। राष्ट्रीय स्तर पर रेखा गुप्ता का नाम भले ही नहीं हो पर दिल्ली की यूनिवर्सिटी से संगठन और धरातल की राजनीति में निगम और mcd की राजनीति में उनका अनुभव बहुत है और पढ़ी लिखी होने के साथ कई पदों और चुनावों में लड़ने का अनुभव भी है। साथ ही महिला और वैश्य समुदाय वाला फैक्टर भी है क्योंकि भाजपा शासित किसी भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं है।