सीजी भास्कर, 20 जुलाई| Ayushman Bharat Fake Claims : छत्तीसगढ़ के कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर ने विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों-वयोवृद्ध शिविर, मलेरिया,कुष्ठ, सिकलसेल जॉच, आयुष्मान कार्ड, एचआरपी, मातृस्वास्थ्य, प्रसव, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, परिवार कल्याण, एनसीडी, एनक्यूएएस, आयुष, आरबीएसके, एनआरसी दवाओं की उपलब्धता एवं कार्यक्रमों की प्रगति के संबंध में जानकारी ली।
बरसात के मौसम में डेंगू और मलेरिया फैलने की संभावना को देखते हुए कलेक्टर ने शहरी क्षेत्रो में नगर निगम से समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने टीबी और कष्ठ रोग की समीक्षा के दौरान कहा कि अभियान चलाकर ऐसे मरीजों को चिन्हित किया जाएं और जांच कराकर उन्हें समय पर उपचार और दवा प्रदान करना सुनिश्चित करें। एक्सरे एवं अन्य उपकरण जेम से खरीदते समय ध्यान रखें की गुणवत्तापूर्ण तथा प्रचलित रेट पर खरीदा जावे ।
समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने आयुष्मान भारत की समीक्षा की और निर्देश दिए छूटे हुए लोगों का आधार अपडेट के साथ ही सात दिवस के भीतर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएं। उन्होंने कार्य नहीं करने वाले कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश सीएमएचओ को दिए। कलेक्टर ने विकासखंड स्तर पर प्रायवेट चिकित्सालयों के आयुष्मान में फर्जी क्लेम की निगरानी बीएमओ को करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में फर्जी क्लेम नहीं होना (Ayushman Bharat Fake Claims)चाहिए। उन्होंने सीएमएचओं को निजी अस्पतालों के क्लेम पुटअप करने के निर्देश दिए।
मातृ स्वास्थ्य की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि समस्त गर्भवती माताओं में एचआरपी की पहचान कराना है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा उप स्वास्थ्य केन्द्रों में यदि दिन में प्रसव हो सकता है दिन में और रात्रि में हो सके तो रात्रि में भी प्रसव करावें। गर्भवती महिलाओं को अनावश्यक रेफर ना करें। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में निर्धारित लक्ष्य अनुसार प्रसव कराया जाएं। जहाँ 20 से ज्यादा प्रसव हो रहे हैं वहाँ संसाधनों की कमी नहीं होनी चाहिए।
कलेक्टर ने रानी धनराज कुंवर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 02 स्त्री रोग विशेषज्ञ के होते हुए भी महिलाओं के कम उपचार होने की बात कहते हुए सुधार के निर्देश दिए। मातृ मृत्यु की समीक्षा के दौरान बताया गया कि 102 एम्बूलेंस में ईएमटी नियुक्त नहीं है। आपात स्थिति में प्रसव हो जाता है तो परेशानी होती है इस पर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि डीएमएफ से ईएमटी की नियुक्ति की जाएं। एनआरसी की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि एनआरसी में 100 प्रतिशत आक्यूपेंसी होना चाहिए। शिशु मृत्यु संस्थागत कमी से नहीं होना चाहिए।
कलेक्टर ने सिकल सेल के मरीजों का इलेक्ट्रोफोरेसिस जॉच करवाकर दिव्यांग कार्ड बनाने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देशित किया कि नाक, कान, गला से संबंधित चिन्हांकित मरीजों तथा मोतियाबिन्द के रेफर मरीजों का उपचार एवं ऑपरेशन तथा सभी प्रकार की सेवाएं जिनका उपचार मेडिकल कॉलेज में हो सकता है उनका उपचार किया (Ayushman Bharat Fake Claims)जाएं। उन्होंने सीएचसी में शिविर लगाकर उपचार करने, मोतियाबिन्द मरीजों की सर्जरी कराने और बीएमओ को फॉलोअप करने के निर्देश दिए। उन्हांने निर्देशित किया कि समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों की शतप्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करें।