सीजी भास्कर, 30 जून। Badaun temple namaz controversy : 30 वर्षों से हनुमान मंदिर में शरण लिए अली मोहम्मद ने उसी परिसर को नमाज का स्थान बना दिया। शुक्रवार को उसे नमाज पढ़ता देख एक व्यक्ति ने वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया तो हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई।
शनिवार को यह प्रकरण पुलिस तक पहुंचा, जिसके बाद आरोपित अली मोहम्मद के विरुद्ध धार्मिक भावनाएं आहत करने, माहौल बिगाड़ने की धारा में प्राथमिकी पंजीकृत कर गिरफ्तार कर लिया गया। पुजारी का कहना है कि आरोपित वर्षों से यहां रह रहा था, मगर कभी परिसर में नमाज नहीं पढ़ी। इस बार उसने गलत हरकत की।
उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले के पापड़ गांव के लोगों के अनुसार, अली मोहम्मद 30 वर्ष पहले गांव के हनुमान मंदिर में मदद मांगने आया (Badaun temple namaz controversy)था। उसे सहायता मिलने लगी तो मंदिर परिसर की साफ-सफाई और गायों की देखरेख करने लगा। उसे इसके बदले कुछ रुपये व भोजन इत्यादि मिल जाता था। अब उसकी उम्र 60 वर्ष हो चुकी, परिवार में कोई अन्य सदस्य नहीं है।
मंदिर के पुजारी महात्मा परमात्मा दास ने बताया कि अली मोहम्मद ने पहले कभी मंदिर परिसर में नमाज नहीं पढ़ी। वह इसकी चर्चा भी नहीं करता था। शुक्रवार को उसने ऐसा क्यों किया, यह समझ से परे है। मंदिर परिसर में नमाज पढ़ना अनुचित एवं भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। गनीमत रही कि किसी व्यक्ति ने उसका वीडियो बनाकर समय रहते वास्तविक स्थिति दिखा (Badaun temple namaz controversy)दी। शनिवार सुबह वीडियो प्रसारित होने पर कई संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई तब पुलिस सक्रिय हुई।
दोपहर को दातागंज थाने में हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार की तहरीर पर आरोपित अली मोहम्मद के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत की गई। सीओ केके तिवारी ने बताया कि मंदिर परिसर में नमाज का वीडियो पुलिस को मिला है। आरोपित अली मोहम्मद की तलाश की जा रही है।