सीजी भास्कर, 1 मार्च ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पुलिस महानिदेशक (DGP) को पत्र लिखकर अपनी जासूसी कराए जाने की शिकायत की है।
उन्होंने कहा कि वह बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र से आते हैं, जहां सुरक्षा हमेशा एक बड़ी चिंता का विषय रही है। ऐसे में अगर राजधानी में भी सरकार जासूसी कराने लगे तो सवाल उठता है कि वे कहां सुरक्षित हैं?
उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला?
दीपक बैज ने अपने पत्र में लिखा है कि 26 फरवरी 2025 की रात 12 बजे से 27 फरवरी 2025 की रात 12 बजे तक उनके निवास स्थान के बाहर संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। एक अज्ञात स्कॉर्पियो वाहन (CG 18 P 6418) में बैठे लोगों द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही थी। जब इस वाहन की जांच की गई, तो उसमें बैठे व्यक्ति पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए।
उन्होंने लिखा कि यह वाहन अफसर कॉलोनी, देवेंद्र नगर, रायपुर (थाना गंज) के पास 24 घंटे तक खड़ा रहा। इसमें बैठे लोग संदेहास्पद रूप से उनके निवास स्थान की जासूसी कर रहे थे।
यह संदेह से परे नहीं है कि उक्त वाहन में मौजूद लोगों को पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर मेरी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया था।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस संदिग्ध गतिविधि की लिखित शिकायत 28 फरवरी 2025 को गंज थाना प्रभारी को दी गई,
सरकार की मंशा पर सवाल
दीपक बैज ने अपने पत्र में राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा कि विपक्ष के प्रदेश अध्यक्ष की निगरानी कर माहौल बनाया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
सरकार किस तरह का माहौल बनाना चाहती है? विपक्ष के नेताओं की जासूसी कराना लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत है। क्या हमें डराने की कोशिश हो रही है?
एडिशनल एसपी की भूमिका पर संदेह
पत्र में दीपक बैज ने दंतेवाड़ा जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) की भूमिका को भी संदिग्ध बताया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो भी पुलिसकर्मी इसमें संलिप्त हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
यह स्पष्ट रूप से अवैध निगरानी और निजता का उल्लंघन है। पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है, न कि विपक्षी नेताओं की गतिविधियों पर नजर रखना।
डीजीपी को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग
दीपक बैज ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डीजीपी से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल उनकी निजता का हनन नहीं, बल्कि लोकतंत्र और विपक्ष की स्वतंत्रता पर भी हमला है।
इस घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की गहन जांच की जानी चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आदेश किसके द्वारा दिया गया था और इसका असली मकसद क्या था।