सीजी भास्कर, 4 अप्रैल |
वक्फ संशोधन बिल गुरुवार देर रात राज्यसभा में भी पास हो गया। इससे पहले बिल लोकसभा में पास हुआ था। छत्तीसगढ़ में वक्फ बिल को लेकर किसी भी तरह के टिप्पणी से मुतवल्लियों को रोका गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड ने मुतवल्लियों को हिदायत दी है कि नमाज के बाद होने वाली तकरीर में वक्फ संशोधन पर बातचीत नहीं हो सकेगी। वहीं CM साय ने विधेयक को मुस्लिमों के लिए फायदेमंद बताया है।
नमाज के बाद तकरीर में चर्चा नहीं करेंगे- डॉक्टर सलीम राज
छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सलीम राज ने दैनिक भास्कर को बताया कि इसके लिए मुतवल्लियों को निर्देश जारी किए गए हैं। वह बिल में बदलाव को लेकर नमाज के बाद तकरीर में उसके पक्ष या उसके विपक्ष में किसी भी तरह की चर्चा नहीं करेंगे।
मस्जिद में नमाज के बाद सिर्फ धार्मिक विषय पर तकरीर हो सकती है। नवंबर 2023 में ही बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर सलीम राज ने मस्जिदों में किसी भी तरह के बाहरी मसले पर चर्चा पर रोक लगा दी थी, मुतवल्लियों को सिर्फ धार्मिक तकरीर करने की ही इजाजत है।
वक्फ बोर्ड का ऐसा निर्देश क्यों
वक्फ बिल संसद में पास किया हुआ विधेयक बन चुका है। आसान शब्दों में समझिए कि एक तरह से यह कानून है, कानून का पालन सभी को करना है। इस वजह से मस्जिदों में यह निर्देश दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की तरफ से मस्जिदों के इमाम साहब को यह स्वतंत्रता है कि वह धार्मिक विषयों पर तकरीर करें।
धार्मिक विषय से अतिरिक्त कोई अन्य विषय पर बयान या तकरीर करने से पहले छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड की ओर से मुतवल्लियों के लिए बनाए गए वॉट्सएप ग्रुप या फिर चिट्ठी भेजकर अनुमति लेनी होगी। मूल रूप से इस निर्देश का मकसद समाज में वक्फ बिल को लेकर एक तरह की सोच कायम करना है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने क्या कहा
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि देर रात तक टीवी पर बैठकर मैं भी सदन की कार्यवाही देखता रहा। अब विधेयक पास हो गया है यह देश और छत्तीसगढ़ के गरीब जरूरतमंद मुसलमान के लिए फायदेमंद साबित होगा। यह बिल भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती का प्रमाण है। जिस प्रकार से इस बिल पर व्यापक चर्चा हुई है, वह हमारे संसदीय विमर्श की परिपक्वता को दर्शाता है।
मकसद दखल देना नहीं है
CM साय ने इस संशोधन को मुस्लिमों के मामले में दखल नहीं पारदर्शिता लाने वाला कानून बताया है। उन्होंने कहा- यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। वर्षों से वक्फ और सरकारी संपत्तियों के बीच जो अस्पष्टता बनी हुई थी, वह अब समाप्त होगी।
जिला कलेक्टर को सर्वेक्षण का अधिकार दिए जाने से जमीन से जुड़े विवादों का जल्द समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस बिल का उद्देश्य धार्मिक गतिविधियों में कोई हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक सुधार और न्यायिक पारदर्शिता लाने की पहल है।
आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जों पर प्रभावी रोक लगेगी
मुख्यमंत्री साय ने आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के दृष्टिकोण से बिल के उस प्रावधान की सराहना की जिसमें 5वीं और 6वीं अनुसूची में वक्फ संपत्ति तैयार करने पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि इससे आदिवासी भूमि पर अवैध कब्जों पर प्रभावी रोक लगेगी और जनजातीय संस्कृति को संरक्षण मिलेगा। बिल में यह प्रावधान किया गया है कि वक्फ बोर्ड में कोई भी गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होगा।
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने इस विधेयक को आदिवासी स्वाभिमान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने वाला बताया। उन्होंने कहा यह विधेयक 5वीं और 6वीं अनुसूची क्षेत्रों में रहने वाले हमारे जनजातीय समुदायों को यह विश्वास दिलाता है कि उनकी पारंपरिक भूमि पर कोई अन्याय नहीं होगा।
रायपुर में नारा- दूरी है न खाई, मोदी हमारा भाई
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा ने रायपुर की सड़कों पर उतरकर नारा लगाया ‘न दूरी है, न खाई है – मोदी हमारा भाई है। सड़कों पर आते-जाते लोगों को मिठाई खिलाई और पटाखे फोड़े। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों ने बताया कि जो वक्फ संशोधन बिल लाया गया है। उससे घोटालों पर कड़ी रोक लगेगी और जो अवैध कब्जाधारी हैं, उन पर लगाम लगेगी।
अवैध कब्जाधारी अरबों रुपए की संपत्तियों पर सालों से अतिक्रमण करके बैठे हुए हैं, उन पर नकेल कसने के लिए कलेक्टर को साथ में शामिल किया गया है, ताकि कलेक्टर के द्वारा राजस्व मामलों के निपटारे जल्दी हों।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता तौकीर रजा ने कहा है कि सिर्फ कांग्रेस अपने साम्प्रदायिक तुष्टीकरण के एजेंडे के चलते इस विधेयक का विरोध कर रही है। कांग्रेस नहीं चाहती कि ऐसा कठोर प्रावधान हो। कांग्रेस अपने मंसूबों में कतई कामयाब नहीं होगी क्योंकि जब यह कानून बनेगा, तब उसकी स्थिति अलग होगी।
आज पूरे देश में वक्फ संपत्तियों से मात्र 163 करोड़ रुपए की ही आवक हो रही है जबकि वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटने के बाद 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक आवक वक्फ बोर्ड की होगी। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने जिस मुस्लिम समाज को आपस में बांट दिया था, इस बिल से सुन्नी मुस्लिम, शिया मुस्लिम, बोहरा मुस्लिम और आगाखानी शिया मुस्लिम समाज को एक कर दिया है।
संसद में क्या हुआ
सदन में चर्चा के दौरान AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस बिल का मकसद मुसलमानों को जलील करना है। मैं गांधी की तरह वक्फ बिल को फाड़ता हूं। बिल फाड़ने के बाद ओवैसी संसद की कार्यवाही छोड़कर चले गए। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- वक्फ में कोई गैर इस्लामिक नहीं आएगा। ऐसा कोई प्रोविजन भी नहीं है। वोट बैंक के लिए माइनोरिटीज को डराया जा रहा है।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने चर्चा के दौरान कहा- वक्फ ने एक बार ताजमहल पर भी दावा कर दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार का इरादा ठीक नहीं है। वक्फ लैंड किसको देंगे ये सामने नहीं आया। व्यापारियों को देंगे…मुझे पता नहीं। अंबानी-अडाणी जैसे लोगों को खिलाएंगे। मैं गृहमंत्री से अपील करूंगा कि आप इसे वापस ले लें। इसे प्रेस्टीज ईश्यू न बनाएं। मुसलमानों के लिए ये अच्छा नहीं है। संविधान के खिलाफ है।