सीजी भास्कर, 23 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग (Bastar Olympic 2025) में युवाओं की ऊर्जा, उत्साह और प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) के मार्गदर्शन में गृह (पुलिस) विभाग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित यह आयोजन प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में बस्तर की नई पहचान बनने जा रहा है।
बस्तर ओलंपिक के प्रति जनउत्साह का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक बस्तर संभाग के 7 जिलों से 3 लाख 91 हजार 289 खिलाड़ियों ने पंजीयन कराया है, जिनमें 1 लाख 63 हजार 668 पुरुष और 2 लाख 27 हजार 621 महिला खिलाड़ी शामिल हैं। यह अभूतपूर्व भागीदारी न केवल बस्तर के युवाओं के खेल प्रेम को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि बस्तर की धरती पर खेल अब नई सामाजिक चेतना और समान भागीदारी का प्रतीक बन चुके हैं।
खेलों के ज़रिए शांति, विकास और विश्वास का सेतु
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ना और उनकी नैसर्गिक खेल प्रतिभा को पहचानना है। यह पहल केवल खेल आयोजन नहीं, बल्कि शासन और जनता के बीच विश्वास एवं संवाद का सेतु भी बनेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने भी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा था बस्तर ओलंपिक केवल एक खेल आयोजन नहीं है, यह ऐसा मंच है जहां विकास और खेल का संगम हो रहा है, जहां हमारे युवा अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं और नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। यह मॉडल पूरे देश में “स्पोर्ट्स फॉर पीस” (Sports for Peace) के रूप में उभर रहा है खेलों के ज़रिए शांति और विश्वास की नई पहल के रूप में।
परंपरा और आधुनिकता का संगम
प्रतियोगिता में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, फुटबॉल, बैडमिंटन, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, कराते, वेटलिफ्टिंग और हॉकी जैसे खेल शामिल हैं। साथ ही बस्तर की पारंपरिक खेलों और स्थानीय खिलाड़ियों को भी मंच दिया जा रहा है। यह आयोजन बस्तर की सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करते हुए युवाओं को अवसर और आत्मविश्वास दोनों प्रदान करेगा।
‘बस्तर ओलंपिक 2025’ की एक खास पहल यह है कि इसमें जूनियर (14-17 वर्ष), सीनियर वर्ग के साथ-साथ विशेष श्रेणी के प्रतिभागियों — नक्सल हिंसा में दिव्यांग हुए व्यक्ति और आत्मसमर्पित नक्सलियों — को भी शामिल किया गया है। यह पहल खेलों के माध्यम से पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण (Rehabilitation through Sports) की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
तीन स्तरों पर होंगी प्रतियोगिताएं
प्रतियोगिताएं तीन चरणों में आयोजित की जा रही हैं — विकासखंड स्तर पर 25 अक्टूबर से, जिला स्तर पर 5 नवंबर से और संभाग स्तर पर 24 नवंबर से।
विजेताओं को जिला और संभाग स्तर पर नकद पुरस्कार, मेडल, ट्रॉफी और शील्ड प्रदान की जाएगी। पुरस्कार राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से खिलाड़ियों के बैंक खाते में जमा की जाएगी। संभागीय स्तर के विजेता खिलाड़ियों को “बस्तर यूथ आइकॉन (Bastar Youth Icon)” के रूप में प्रचारित किया जाएगा। इससे न केवल खेल प्रतिभाओं का सम्मान होगा, बल्कि युवाओं को प्रेरणा भी मिलेगी।
शुभंकर में बस्तर की पहचान
‘बस्तर ओलंपिक 2025’ के लिए वन भैंसा (Wild Buffalo) और पहाड़ी मैना (Hill Myna) को शुभंकर (Mascot) बनाया गया है — जो बस्तर की जीवंतता, सामुदायिक एकता और प्रकृति के प्रति प्रेम का प्रतीक हैं। यह आयोजन न केवल खेलों का, बल्कि बस्तर की संस्कृति, सौहार्द और विकास के नए युग का उत्सव बनेगा — जहां खेल मैदानों से गूंजेगी शांति, विश्वास और समरसता की आवाज़।