सीजी भास्कर, 27 सितंबर। बस्तर की समृद्ध संस्कृति, सभ्यता, कलाकृतियां और प्राकृतिक पर्यटन स्थल देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। (Bastar Tourism) इसी कड़ी में आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले से 40 स्कूली छात्रों और शिक्षकों का एक समूह बस्तर पहुंचा। इस दल ने बस्तर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया और विश्वविख्यात बस्तर दशहरे की झलक भी देखी।
बस्तर का यह सांस्कृतिक और प्राकृतिक आकर्षण न केवल पर्यटकों को लुभा रहा है, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले छात्रों के लिए भी एक शैक्षिक अनुभव बन रहा है।
शिक्षिका के रेखा ने बताया कि –
वे श्रीकाकुलम से बस्तर घूमने आए हैं। यहां का दशहरे का माहौल बेहद मनमोहक और अद्भुत है। सरवानी विद्यालय हर साल भारत की संस्कृति, सभ्यता और इतिहास से जुड़ी जानकारी के लिए शैक्षिक टूर आयोजित करता है। (Bastar Tourism)
इस बार छात्रों ने तीरथगढ़ जलप्रपात, चित्रकोट जलप्रपात, दंतेश्वरी मंदिर और राजमहल का भ्रमण किया। बस्तर के लोगों का रहन-सहन, उनकी संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा और मेहमाननवाजी ने सभी को बेहद प्रभावित किया।
छात्रों ने कहा कि –
चित्रकोट जलप्रपात को देखने के बाद उन्हें लगा कि यह नियाग्रा फॉल्स से भी ज्यादा खूबसूरत है। इस (Bastar Tourism) यात्रा ने उन्हें न केवल प्राकृतिक सौंदर्य का एहसास कराया बल्कि इतिहास और संस्कृति को समझने का भी अवसर दिया।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि बस्तर में पर्यटन को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सड़क, आवास और सुरक्षा सुविधाओं को मजबूत किया जा रहा है ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
आने वाले समय में बस्तर को पर्यटन मानचित्र पर और बड़ी पहचान दिलाने का लक्ष्य है। यात्रा में शामिल छात्रों ने यह भी कहा कि यहां की शांत वादियां और हरियाली पढ़ाई के तनाव से दूर नई ऊर्जा देती हैं। इस (Bastar Tourism) अनुभव ने उनके लिए जीवनभर की यादें बना दी हैं।