सीजी भास्कर, 31 अक्टूबर। आस्ट्रेलियाई क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। 17 वर्षीय क्रिकेटर बेन ऑस्टिन की (Ben Austin) अभ्यास के दौरान गेंद लगने से मौत हो गई। मंगलवार को मेलबर्न के उपनगरीय इलाके फर्नट्री गली में हुए हादसे ने 2014 में फिलिप ह्यूज की मौत की दर्दनाक यादें ताजा कर दी हैं। बताया गया कि बेन ऑस्टिन अपने क्लब के लिए नेट अभ्यास कर रहे थे, जब तेज रफ्तार गेंद उनकी गर्दन और सिर के पास जा लगी। उन्हें तुरंत गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
डॉक्टरों ने बताया कि चोट इतनी गहरी थी कि आपातकालीन उपचार के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। बेन को वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। फर्नट्री गली क्रिकेट क्लब ने गुरुवार को इस दुखद समाचार की पुष्टि करते हुए कहा कि “बेन का जाना पूरे क्लब और क्रिकेट परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।”
Ben Austin हेलमेट था, लेकिन नेक गार्ड नहीं
क्लब की रिपोर्ट के अनुसार, बेन ने उस समय हेलमेट तो पहना हुआ था, लेकिन (Cricket Safety Awareness) नेक गार्ड (गर्दन सुरक्षा उपकरण) नहीं लगाया था। यह वही हिस्सा था, जहां गेंद जाकर लगी। इस घटना के बाद एक बार फिर क्रिकेट जगत में सुरक्षा उपकरणों की अनिवार्यता को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि हर स्तर के क्रिकेट चाहे स्कूल, क्लब या घरेलू प्रतियोगिता हो में नेक गार्ड को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
2014 में भी ऐसी ही घटना में फिलिप ह्यूज की मौत हुई थी, जब साउथ ऑस्ट्रेलिया के लिए न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ खेलते समय गेंद उनके कान के पास जा लगी थी। उनकी मौत के बाद क्रिकेट में कई सुरक्षा सुधार किए गए थे, लेकिन यह घटना दिखाती है कि अभी भी सुरक्षा में सुधार की गुंजाइश बाकी है।
क्रिकेट जगत में शोक, भावभीनी श्रद्धांजलि
बेन ऑस्टिन की मौत के बाद क्रिकेट समुदाय ने गहरा शोक व्यक्त किया। क्लब ने मैदान पर उनके सम्मान में फूल, कार्ड, एक ड्रिंक की बोतल, लालीपॉप और बल्ला रखा। वहीं वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी हिल्टन कार्टराइट सहित कई अन्य खिलाड़ियों ने शेफील्ड शील्ड मैच में (Cricket Safety Awareness) काली पट्टी बांधकर श्रद्धांजलि दी।
बेन के पिता जेस ऑस्टिन ने कहा, “हमारे प्यारे बेटे को खोने का दुख शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। वह एक शानदार बेटा, और अपने भाइयों कूपर और जैक का सबसे प्यारा साथी था। इस दर्दनाक घटना ने क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया है और यह सवाल फिर खड़ा कर दिया है कि क्या मैदान पर सुरक्षा के सभी उपाय वास्तव में पर्याप्त हैं?
