सीजी भास्कर, 30 अप्रैल : भारतमाला परियोजना के तहत मुआवजा राशि में हुए करोड़ों के घोटाले (Bharat Mala Project Compensation Scam) को लेकर आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने बुधवार को रायपुर के तेलीबांधा स्थित दशमेश इन्स्टा वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस में छापेमारी की। छापे के दौरान 5 से 6 अधिकारियों की टीम कंपनी से जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है।
जांच में सामने आया है कि इस घोटाले में जमीन को टुकड़ों में बांटकर मुआवजा राशि में हेराफेरी (Bharat Mala Project Compensation Scam) की गई, जिससे करीब 43 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया। इस पूरे मामले में कई बिल्डरों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिसमें दशमेश इन्स्टा वेंचर का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है।
इससे पहले 25 अप्रैल को राज्यभर में SDM, तहसीलदार, पटवारी, और राजस्व निरीक्षकों सहित राजस्व विभाग से जुड़े 17 से 20 अधिकारियों के ठिकानों पर भी EOW ने छापेमारी की थी। वहीं, रायपुर स्थित दशमेश इन्स्टा वेंचर के कार्यालय को उस समय सील कर दिया गया था। कंपनी की डायरेक्टर भावना कुर्रे, तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी हैं। कंपनी के दूसरे डायरेक्टर हरमीत सिंह खनूजा को EOW ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
चार आरोपी पुलिस रिमांड पर (Bharat Mala Project Compensation Scam)
इस घोटाले के सिलसिले में EOW ने अब तक चार लोगों—उमा तिवारी, केदार तिवारी, विजय जैन और हरमीत सिंह खनूजा—को गिरफ्तार किया है। इन सभी को 26 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 मई तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
जांच एजेंसी इन सभी से फर्जीवाड़े में इस्तेमाल की गई योजनाओं और गबन की गई राशि को लेकर पूछताछ कर रही है। EOW के अधिकारी अब अन्य जुड़े दस्तावेजों और संभावित आरोपियों की तलाश में जुटे हुए हैं। मामला अभी भी खुलासा होने की प्रक्रिया में है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।