सीजी भास्कर, 18 दिसंबर | Bhilai Steel Plant Bike Theft : एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक परिसरों में गिने जाने वाले भिलाई स्टील प्लांट में दोपहिया चोरी की घटनाएं अब केवल गेट तक सीमित नहीं रहीं। ताज़ा मामलों में प्लांट के भीतर और एचआरडी परिसर से दो बाइक गायब होने की पुष्टि हुई है, जिससे कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं के बीच चिंता गहराती जा रही है।
एचआरडी पार्किंग से प्रशिक्षणार्थी की एक्टिवा चोरी
पहला मामला मानव संसाधन विकास केंद्र की पार्किंग से जुड़ा है। भिलाई निवासी लिलेश कुमार साहू, जो एचआरडी विभाग में अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण ले रहे हैं, 16 दिसंबर की सुबह अपनी मां के नाम पंजीकृत होंडा एक्टिवा लेकर पहुंचे थे। वाहन को विधिवत लॉक कर वे प्रशिक्षण कक्ष में चले गए। दोपहर तक सब सामान्य रहा, लेकिन शाम 5 बजे के बाद लौटने पर पार्किंग से एक्टिवा गायब मिली—काफी तलाश के बावजूद कोई सुराग नहीं मिला।
प्लांट के अंदर से भी बाइक गायब, सुरक्षा पर सवाल
दूसरी घटना ने सुरक्षा दावों पर सीधा प्रश्नचिह्न लगा दिया। ऊर्जा प्रबंधन विभाग में कार्यरत रमनी सुब्रमणियन ने बताया कि 13 दिसंबर की शाम ड्यूटी के बाद उन्होंने अपनी पैशन प्रो को एसएमएस-2 गैस होल्डर के सामने हैंडल लॉक कर खड़ा किया था। 15 दिसंबर की सुबह ड्यूटी पर पहुंचे तो बाइक वहां नहीं थी। आसपास खोजबीन के बाद भी वाहन का पता नहीं चला।
एक ही दिन दर्ज हुईं दोनों शिकायतें
दोनों पीड़ित 17 दिसंबर को थाने पहुंचे और अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं। एक ही दिन दो मामलों का दर्ज होना यह संकेत देता है कि चोरी की घटनाएं छिटपुट नहीं, बल्कि एक पैटर्न में हो रही हैं। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कर्मचारियों में बढ़ी असुरक्षा, प्रबंधन से मांग
लगातार वारदातों से कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं में असुरक्षा की भावना साफ दिख रही है। उनका कहना है कि हाई-सिक्योरिटी ज़ोन कहलाने वाले परिसर में पार्किंग स्थलों की निगरानी कमजोर है। सीसीटीवी की कवरेज, लाइटिंग और प्रवेश-निकास पर जांच को लेकर प्रबंधन से ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है।
आंकड़े जो चिंता बढ़ाते हैं: साल भर में 33 बाइक चोरी
इस वर्ष अब तक भिलाई स्टील प्लांट के अधिकृत क्षेत्रों से 33 दोपहिया चोरी की रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। हालिया घटनाएं इसलिए भी अहम हैं क्योंकि ये प्लांट के भीतर और एचआरडी परिसर से सामने आई हैं—जहां सुरक्षा व्यवस्था अपेक्षाकृत सख्त मानी जाती है। कर्मचारियों के अनुसार, जिम्मेदारी तय न होने से समस्या और बढ़ रही है।


