सीजी भास्कर, 27 नवंबर। मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित भीमकुंड आश्रम (Bhimkund Ashram Suicide) में गुरुवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब महंत शंकर शरण दास (62) ने कथित रूप से जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। महंत पिछले 8 वर्षों से आश्रम की गद्दी संभाल रहे थे और पहले आश्रम समिति के अध्यक्ष भी रह चुके थे।
बाद में उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर जय सिंह ठाकुर को जिम्मेदारी सौंप दी थी। परिजनों का आरोप है कि इसके बाद से ही पूर्व गद्दीदार और उनके समर्थक उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहे थे, जिससे दुखी होकर उन्होंने यह कदम उठाया।
महंत (Bhimkund Ashram Suicide) के भाई धर्मेंद्र दुबे और पुजारी संतोष मिश्रा ने बताया कि नारायण आचार्य और कमलनयन लंबे समय से दबाव बनाकर उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दे रहे थे। शनिवार को भी 10–12 लोग आश्रम में घुसे और तोड़फोड़ की थी, जिसकी शिकायत महंत ने थाने में दर्ज कराई थी।
आरोप है कि आश्रम में काम करने आई एक महिला रजनी तिवारी भी पूर्व गद्दीदारों के कहने पर महंत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने का प्रयास कर रही थी। महिला ने एक स्थानीय चैनल पर महंत पर छेड़छाड़ और हाथ पकड़ने का आरोप लगाया था। परिजनों का कहना है कि इन निरंतर आरोपों और मानसिक प्रताड़ना से परेशान होकर महंत (Mahant Shankar Sharan Das) शंकर शरण दास ने गुरुवार सुबह जहर खा लिया ।
महंत को गंभीर हालत में सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज ले जाया गया जहां दोपहर में उनका पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद परिजन उनका शव लेकर रूहावन पहुंचे, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अंतिम संस्कार के बाद उन्हें भीमकुंड लाने की भी परिवार की योजना है। बताया जाता है कि महंत शंकर शरण दास दोनों आश्रमों की गद्दी सँभालते थे और स्थानीय क्षेत्र में उनकी धार्मिक प्रतिष्ठा थी। घटना के बाद आश्रम परिसर में शोक का माहौल है और प्रताड़ना संबंधी आरोपों की जांच की मांग उठ रही है।
