सीजी भास्कर, 20 जुला Bhupesh Baghel Coal Scam : वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने आज भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कांग्रेस और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के झूठ का पर्दापाश हो गया है। भाजपा ने दस्तावेजों को प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत करते हुए कांग्रेस के झूठ को बेनकाब करने का दावा करते हुए भूपेश बघेल पर रोज 100 झूठ बोलने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि जब भी आप सभी कॉल ब्लॉक आवंटन और पेड़ कटाई आदि पर सवाल उठाते थे, तो दस जनपथ के दबाव में सीधे तौर पर भूपेश बघेल(Bhupesh Baghel Coal Scam) जी बचाव में आ जाते थे। कहते थे कि कोल ब्लॉक आवंटन का विरोध करने वाले अपने-अपने घरों की बिजली बंद कर दें। सवाल यह है कि अब जब झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा कर भूपेश जी अपनी कालिख धोने की कोशिश कर रहे हैं, तो क्या वह अपने घर और राजीव भवन की बिजली बंद करेंगे?
भाजपा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेश बघेल मुख्यमंत्री रहते हुए कोल ब्लॉक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह की सरकार में तमाम नियमों को धत्ता बताते हुए छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी। उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था।
2011 में कांग्रेस ने कोल ब्लाक खोलने का दिया प्रस्ताव
केदार कश्यप ने यह भी आरोप लगाया कि 23 जून 2011 को केन्द्र में कांग्रेस(Bhupesh Baghel Coal Scam) की सरकार रहते ही तारा परसा ईस्ट और कांटे बेसन कोल ब्लॉक को खोलने का प्रस्ताव दिया गया। जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी, उस वक्त अडानी को दो बड़ी खदानों गारे पेलमा सेक्टर-2 और राजस्थान में केते एक्सटेंशन ब्लॉक का ऑपरेटर बनाया गया। इसी तरह भूपेश बघेलजी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में ही 16 अक्टूबर 2019 को राज्य सरकार ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए सिफारिश भेजी।
रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने
मंत्री कश्यप ने कहा कि 31 मार्च 2021 को ओपन कास्ट गारे पेलमा सेक्टर-2, मांड-रायगढ़ कोलफील्ड के लिए हुआ समझौता भी सबके सामने है। इसी क्रम में 19 अप्रैल 2022 को भूपेश बघेल जी के मुख्यमंत्री रहते ही कांग्रेस(Bhupesh Baghel Coal Scam) सरकार द्वारा वन स्वीकृति स्टेज-1 और 23 जनवरी 2023 को वन स्वीकृति स्टेज-2 के लिए सिफारिश भेजी गई। महाजेंको कोल फील्ड की स्वीकृति में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संलिप्तता को लेकर तब अनेक अखबारों ने समाचार भी प्रकाशित किए थे। 25 मार्च 2022 को भूपेश सरकार ने राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार के रहते राजस्थान को कोल माइंस का आबंटन किया था।