सीजी भास्कर, 30 जुलाई |
बीजापुर, छत्तीसगढ़: पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। गंगालूर से मिरतुर तक बनने वाली सड़क परियोजना में घोटाले की जांच के दौरान लोक निर्माण विभाग (PWD) के 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें दो रिटायर्ड इंजीनियर, एक मौजूदा EE (कार्यपालन अभियंता), एक SDO, और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं।
इस सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार से जुड़ी रिपोर्टिंग करने पर ही पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
हत्या के पीछे घोटाले की परतें
1 जनवरी 2025 को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई थी। 3 जनवरी को उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के मकान में बने सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था।
पुलिस पहले ही इस मामले में 4 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। अब जांच के दौरान सामने आए दस्तावेजी सबूतों के आधार पर, घोटाले से जुड़े विभागीय अधिकारियों की गिरफ्तारी की गई है।
अलग-अलग जिलों से दबोचे गए अधिकारी
बीजापुर के एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने जानकारी दी कि रविवार को अलग-अलग जिलों से इन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया:
- रायपुर से 2 अधिकारी
- सुकमा से 1
- जगदलपुर से 1
- बीजापुर से 1
इन सभी को सोमवार को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तार अधिकारी कौन-कौन?
- आर. साहू – सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
- वी.के. चौहान – सेवानिवृत्त कार्यपालन अभियंता
- एच.एन. पात्र – तत्कालीन EE, PWD
- प्रमोद सिंह कंवर – SDO, बीजापुर
- संतोष दास – उप अभियंता, जगदलपुर
क्यों है यह मामला राज्य की राजनीति और प्रशासन के लिए गंभीर?
इस केस ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा, भ्रष्टाचार, और प्रशासनिक मिलीभगत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पत्रकार की हत्या केवल एक व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बल्कि एक बड़े घोटाले को छिपाने की साजिश मानी जा रही है।
इस मामले में आगे और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि ठेकेदारी और इंजीनियरिंग विभाग की सांठगांठ का दायरा और भी बड़ा हो सकता है।