⭕ कोचिंग सेंटर के नाम पर हजारों को ऐसे ठगा कि पूछिए मत……श्रीलंका से UAE तक फैला था नेटवर्क, बड़े खुलासे की जरूर पढ़िए दास्तान और हो जाएं सतर्क
सीजी भास्कर, 26 नवंबर। 190 करोड़ की ठगी के गैंग की खबर सुन कर जहां लोग हैरान परेशान हैं वहीं पुलिस महकमा भी आश्चर्य चकित है कि सायबर ठग इस हद तक देश में लोगों के बैंक एकाउंट भला कैसे खाली करते रहे हैं। हर कोई इन ठगों की प्रक्रिया समझने बेताब दिखाई पड़ा। दरअसल उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में कोचिंग सेंटर के नाम पर अरबों की आनलाइन ठगी की जा रही थी, इसका नेटवर्क श्रीलंका और यूएई तक फैला हुआ था।
आइए समझाते हैं पूरा मामला..
आपको बता दें कि आजमगढ़ पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी नेटवर्क का खुलासा किया है, जिसने ऑनलाइन जुआ खिलाने के नाम पर 190 करोड़ रुपये की ठगी की है। एसपी हेमराज मीणा ने बताया कि इस गिरोह ने इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, मेटा और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को फंसाया। ये ठग जुआ खेलने के लिए लिंक शेयर करते थे और लोगों से फीस लेकर लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाते थे। लॉगिन डिटेल मिलने के बाद ठग फर्जी खातों और फर्जी मोबाइल नंबरों के जरिए जुआ खेलने वालों के पैसे ट्रांसफर कर लेते थे। ठगी के बाद ग्राहकों की लॉगिन आईडी को ब्लॉक कर दिया जाता था। यह गैंग पिछले तीन सालों से यह धंधा कर रहा था। गैंग के पकड़े गए सदस्यों ने बताया कि वे लोगों से बातचीत कर उनके मोबाइल पर ओटीपी भेजते थे और उन्हें ओटीपी साझा करने को कहते थे। जैसे ही पीड़ित ओटीपी साझा करते, ठग उनके बैंक खातों की जानकारी लेकर पैसे निकाल लेते थे। इसके आलावा, ठग सोशल मीडिया पर लालच भरी कहानियां और पोस्ट डालते थे। इन पोस्ट में लोगों को पैसा दोगुना-चार गुना करने का झांसा दिया जाता था।
श्रीलंका और यूएई तक फैला नेटवर्क
गैंग ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में भारत के साथ-साथ श्रीलंका और यूएई के नंबर भी जोड़े हुए थे। इन नंबरों के जरिए ठगी के पैसों का लेन-देन किया जाता था। पुलिस ने महराजगंज के राम सिंह, मिर्जापुर के संदीप यादव, उड़ीसा के विशालदीप सिंह, बिहार के अजय कुमार पाल, वाराणसी के आकाश यादव, मध्य प्रदेश के पंकज कुमार और आजमगढ़ के मिर्जा उमर बेग समेत 13 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में 71 मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपियों के 169 बैंक खातों को फ्रीज कर 2 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। इसके आलावा 35 लाख रुपये का सामान भी बरामद हुआ है, जिसमें 3.40 लाख रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 बैंक पासबुक, 19 सिम कार्ड, 7 चेकबुक, 3 आधार कार्ड, 1 जियो फाइबर डोंगल शामिल हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
ठगों ने आज़मगढ़ में कोचिंग सेंटर के नाम पर किराए पर कमरा लेकर अपना नेटवर्क चला रखा था। इन खातों और उनके जुड़े मोबाइल नंबरों को ट्रैक कर पुलिस ने इस बड़े साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। पकड़े गए आरोपियों से अभी भी पूछताछ जारी है और नये नये तरीके और ठगी की कहानियां इनके द्वारा बताई जा रही है जिससे देश भर में ठगी के अनेक मामलों का खुलासा होगा ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है। फ्रीज किए गए खातों में एकाउंट लेन-देन की भी बारिकी से जांच होनी है।